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अनगड़ा प्रखंड के सीताडीह गांव को स्मार्ट विलेज बनायेगा प्रभात खबर
रांची : राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि सीताडीह को आदर्श ग्राम के रूप में विकसित किया जायेगा. डीडीसी, बीडीओ और जिले के अन्य अधिकारी बैठ कर योजनाबद्ध तरीके से स्कीम तैयार करेंगे. इसे जमीन पर उतारा जायेगा. सीताडीह को एक अच्छा गांव बनाने की दिशा में प्रयास होगा. गांव […]
रांची : राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि सीताडीह को आदर्श ग्राम के रूप में विकसित किया जायेगा. डीडीसी, बीडीओ और जिले के अन्य अधिकारी बैठ कर योजनाबद्ध तरीके से स्कीम तैयार करेंगे. इसे जमीन पर उतारा जायेगा. सीताडीह को एक अच्छा गांव बनाने की दिशा में प्रयास होगा. गांव की हर जरूरत को पूरा किया जायेगा. रांची का 20 सूत्री मंत्री होने के नाते इस गांव का विकास करना मेरी नैतिक जिम्मेदारी भी है. इस कार्य में प्रभात खबर के साथ कदम मिला कर चलेंगे.
श्री मुंडा बुधवार को अनगड़ा प्रखंड के सीताडीह गांव में प्रभात खबर द्वारा उक्त गांव को गोद लेने के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे. श्री मुंडा ने कहा कि सरकार चाहती है कि आधी आबादी को विकास का हिस्सेदार बनाया जाये. इसके लिए सखी मंडल का गठन हो रहा है.
राज्य में 2019 तक दो लाख सखी मंडल का गठन करना है. एक लाख सखी मंडल का गठन हो गया है. सिल्ली विधानसभा क्षेत्र की पुरानी योजनाओं को पूरा किया जा रहा है. सरकार स्कीम पूरा करने से कभी पीछे नहीं हटेगी. सरकार ने तय किया है कि अब ग्रामीणों को जाति व आय प्रमाण पत्र के लिए प्रखंड कार्यालय नहीं जाना पड़ेगा. पंचायत में ही आवेदन जमा होगा. वहीं से लाभुकों को प्रमाण पत्र निर्गत किया जायेगा. कार्यक्रम का संचालन पत्रकार अजय कुमार व धन्यवाद ज्ञापन वरिष्ठ संपादक अनुज सिन्हा ने किया.
जो मौजूद थे: सरिता देवी, जुलियाना एक्का, राजेश बेदिया, अनवर खान, बीडीओ संध्या मुंडू, रंजना बरियार, शैलेश कुमार, रामानंद बेदिया, कृष्णा मुंडा, उदय बेदिया, राजपति महतो, जयवंती तिर्की, राघवेंद्र कुमार, महेश गंझू, प्रदीप बेदिया व बुधराम बेदिया.
पेयजलापूर्ति की सुविधा दी जायेगी : चंद्र प्रकाश
पेयजल स्वच्छता एवं जल संसाधन मंत्री चंद्र प्रकाश चौधरी ने कहा कि जन प्रतिनिधियों के पास सीमित संसाधन होता है. कई तकनीकी समस्या भी होती है. इसके बावजूद सरकार लोगों की बुनियादी समस्या दूर करने के लिए प्रतिबद्ध है. लोगों को रोजगार से जोड़ने से विकास की किरण खुद दिखने लगेगी. विभाग सीताडीह गांव में पेयजलापूर्ति की सुविधा उपलब्ध करायेगा. लोगों की बीमारी का मुख्य कारण गंदा पानी है. लोगों को स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने के लिए विभाग प्रयासरत है. सरकार की प्राथमिकता में छोटी-छोटी परियोजना है. गांव के लोग चाहेंगे, तो उनको तालाब और चेकडैम भी दिया जायेगा.
स्वास्थ्य केंद्र बनाया जायेगा : रामचंद्र
कार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने सीताडीह गांव में एक स्वास्थ्य उप केंद्र बनाने की घोषणा की. अगले माह से इसका निर्माण शुरू कर दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि सीताडीह का हर हाल में विकास होगा. सभी विभाग के लोगों को यहां से जोड़ा जायेगा. स्थानीय विधायक की जिम्मेदारी है कि वह इसको विकसित करने की जिम्मेदारी लें. यहां की योजना लेकर सरकार के पास आयें. सरकार हर संभव सहयोग करेगी. उन्होंने कहा कि यहां की महिलाओं के सर्वाइकल कैंसर की जांच इसी माह होगी. बच्चों के मोतियाबिंद के इलाज के लिए सरकार पैसा देगी.
80 फीसदी समस्या प्रखंडों की : अमित
सिल्ली के विधायक अमित महतो ने कहा कि आज भी गांव की 80 फीसदी समस्या प्रखंड और अंचलों की है. लोग आज भी वृद्धा-विधवा पेंशन और इंदिरा आवास की मांग करते हैं. आजादी के इतने वर्षों के बाद भी हम आगे की नहीं सोच पा रहे हैं. इसका कारण है कि हमें जितना विकास करना चाहिए था, नहीं कर पाये हैं. विधायक फंड से चार करोड़ मिलता है. हम चाहते हैं कि एक-एक रुपया सही ढंग से खर्च हो. इस गांव में पानी की समस्या है. पीने और खेती-बारी के लिए पानी नहीं है. जल संसाधन विभाग में 73-74 चेक डैम की सूची दी गयी है. इसकी स्वीकृति हो जाने से काफी समस्या दूर हो सकती है.
महिलाओं को मिलेगा प्रशिक्षण : संजय सेठ
खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष संजय सेठ ने गांव की महिलाओं को सिलाई का प्रशिक्षण देने की घोषणा की. गांव को समृद्ध करने के लिए महिलाओं को समृद्ध किया जायेगा. प्रशिक्षण पाने वाली महिलाओं को प्रति दिन 50 रुपये का स्टाइपेंड भी दिया जायेगा. महिलाएं जो उत्पाद तैयार करेंगी, उसे खादी बोर्ड खरीद लेगा. छह माह के प्रशिक्षण के बाद लड़कियों को सिलाई मशीन भी दी जायेगी. श्री सेठ ने कहा कि महिलाओं को चरखा चलाने का भी प्रशिक्षण दिया जायेगा. इससे तैयार होने वाला धागा खादी बोर्ड खरीदेगा. इसके अलावा लाह के उत्पाद, धूप-बत्ती, आचार आदि बनाने का भी प्रशिक्षण दिया जायेगा.
प्रशासन के लिए केस स्टडी : डीडीसी
इस मौके पर उप विकास आयुक्त शशि रंजन ने कहा कि सीताडीह गांव जिला प्रशासन के लिए केस स्टडी होगा. प्रशासन भी कोशिश करेगा कि प्रभात खबर के साथ मिलकर इस गांव की दिशा बदली जाये. गांव का विकास होने से यहां से पलायन रुकेगा. गांव के लोगों को अपने गांव में ही रोजगार मिलेगा. प्रशासन स्मार्ड विलेज बनाने की दिशा में काम करेगा. प्रशासन की टीम यहां की मूलभूत समस्या जानने की कोशिश करेगी. जिला प्रशासन हरेक पंचायत में पंचायतनामा खरीदने का आदेश जारी करेगा. इससे ग्रामीणों का ज्ञान वर्द्धन होगा. ग्रामीण शिक्षित होंगे तो रोजगार के अवसर भी बढ़ेगा.
अमेरिका की डॉक्टर करेंगी जांच : भारती
इस मौके पर कश्यप मेमोरियल अाइ हॉस्पिटल की संचालक डॉ भारती कश्यप ने कहा इसी माह अमेरिका की स्त्री रोग विशेषज्ञ से ग्रामीण महिलाओं के स्वास्थ्य की जांच करायी जायेगी. उन्होंने कहा कि आज बच्चों की आंखों में रोशनी कम होने की समस्या है. 16.6 फीसदी बच्चों में दृष्टिहीनता है. इसको दूर करने की दिशा में प्रयास हो रहा है.
जरूरतमंद बच्चों के मोतियाबिंद का ऑपरेशन भी किया जायेगा. जरूरत के मुताबिक चश्मा भी दिया जायेगा. कश्यप मेमोरियल आइ हॉस्पिटल अब तक 17 लाख बच्चों के नेत्र की जांच कर चुका है. अस्पताल ने झारखंड के कोने-कोने में नेत्र जांच का कैंप लगाया है.
लोगों को रोजगार की जरूरत : ग्राम प्रधान
ग्राम प्रधान राजेश बेदिया ने कहा कि प्रभात खबर ने सीताडीह गांव को गोद लेकर इसके विकास की शुरुआत कर दी है. गांव के लोगों को उम्मीद है कि गांव का दिन बदलेगा. यहां के लोगों को रोजगार की जरूरत है. गांव के लोग कैसे वैज्ञानिक विधि से खेती करें, इस दिशा में प्रयास करने की जरूरत है. लोगों की आय का स्त्रोत बढ़ेगा, तो स्वास्थ्य और शिक्षा की स्थिति खुद सुधर जायेगी.
पलायन गांव की बड़ी समस्या : मुखिया
स्थानीय मुखिया सीताराम पातर ने कहा कि पलायन यहां की बड़ी समस्या है. रोजगार नहीं होने के कारण लोग काम करने के लिए राज्य से बाहर चले जाते हैं. स्थानीय पंचायती राज प्रतिनिधि विकास करना चाहते हैं, लेकिन कुछ कारणों से संभव नहीं हो पाता है. दूर-दराज से आये लोगों की जिम्मेदारी पंचायती राज प्रतिनिधियों को रास्ता दिखाने की भी है. इसमें यहां के स्थानीय लोग सहयोग करेंगे.
सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहा है प्रभात खबर : केके गोयनका
इस मौके पर प्रभात खबर के प्रबंध निदेशक केके गोयनका ने कहा कि संस्थान का 33 वर्षों का इतिहास रहा है. प्रभात खबर दो राज्यों में आठ गांव को गोद ले रहा है. यह एक नयी शुरुआत है.
संस्थान सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेता रहा है. चाहे झारखंड में डायन प्रथा हो या भूकंप पीड़ितों को सहायता देने का मामला. आगे भी सामाजिक कार्यों में हिस्सा लेगा. प्रभात खबर गांव के लोगों के लिए अलग से पंचायतनामा अखबार निकालता है. प्रभात खबर गांव की आधारभूत संरचना के विकास में आगे बढ़ कर काम करेगा. समय-समय पर यहां होने वाले बदलाव का लेखा-जोखा भी पेश करेगा.
स्मार्ट विलेज भी हो : आशुतोष चतुर्वेदी
प्रभात खबर के प्रधान संपादक आशुतोष चतुर्वेदी ने कहा कि गांव गोद लेने के अभियान का पहला चरण सफल होता नजर आ रहा है. स्मार्ट सिटी की तरह स्मार्ट विलेज भी होना चाहिए. गांव के लोगों में उत्साह है. आज से सीताडीह प्रभात खबर का गांव हो गया. यहां विकास की गति को तेज किया जायेगा. सरकार के सहयोग से यहां विकास की योजनाओं को जमीन पर उतारने की दिशा में काम होगा. प्रभात खबर इसके विकास का वादा कर रहा है. आजकल अखबार भी शहरों तक सीमित होकर रह गया है. प्रभात खबर इससे अलग है. प्रभात खबर को इस बात का एहसास भी है. देश में कई उदाहरण प्रस्तुत करने वाले गांव भी हैं. इसमें केरल का कोट्टायम और हरियाणा का बीबीपुर है.कोट्टायम गांव की अपनी वेबसाइट भी है. इसी तरह बीबीपुर में बेटी के साथ सेल्फी लेने पर सम्मान मिलता है.
गांव की महिलाओं में दिखा गजब का उत्साह
सीताडीह की महिलाओं में गजब का उत्साह दिखा. महिलाएं प्रभात खबर के साथ जुड़ कर अपने प्रखंड व गांव की दशा व दिशा बदलना चाहती हैं. दाेना व दातुन से मिली पहचान को तोड़ कर अपने अंदर की प्रतिभा का विकास कर स्वरोजगार से जुड़ना चाहती हैं. गांव की महिलाओं का कहना है कि उन्हें अनुदान व सहायता की आवश्यकता नहीं है. वह स्वरोजगार से जुड़ कर अपने बच्चों को शिक्षित करना चाहती हैं, ताकि उनका भविष्य सुधर सके. गांव की रंभा देवी ने कहा कि प्रभात खबर ने हमारे गांव में विकास की पहल शुरू कर नयी राह दिखायी है.
कश्यप आई हॉस्पिटल ने 500 बच्चों की जांच की
रांची : पहाड़, जंगल व प्रकृति के बीच बसे सीताडीह गांव में बुधवार को कश्यम मेमोरियल आई हॉस्पिटल पहुंचा. प्रभात खबर द्वारा सीताडीह गांव को गोद लेने के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में मोतियाबिंद स्क्रीनिंग का शुभारंभ किया गया. स्क्रीनिंग में बरवादाग पंचायत के विभिन्न स्कूलों से आये करीब 500 स्कूली बच्चों की दृष्टिहीनता की जांच की गयी.
बच्चों की जांच नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ भारती कश्यप एवं उनकी टीम ने की. कैंप में वैसे स्कूली बच्चों की संख्या ज्यादा थी, जिनकी आंखों की जांच पहली बार हुई. जांच में पता चला कि अधिकांश बच्चों को चश्मा की जरूरत है. 75 बच्चों को तत्काल चश्मा लगाने का परामर्श दिया गया. डॉ भारती ने बताया कि अगर समय पर चश्मा नहीं लगा, तो बच्चों की आंखों की रोशनी कम हो जायेगी.
बच्चों को परामर्श के बाद बिटामिन ए, कैल्शियम एवं आवश्यकतानुसार आई ड्रॉप दिया गया. आयोजन को सफल बनाने में पारा शिक्षकों के अलावा प्रमोद प्रसाद, समावेशी शिक्षा के प्रभारी अमरेंद्र कुमार, प्रखंड संसाधन केंद्र समन्वयक चंद्रश्वर पंडित आदि ने अहम भूमिका निभायी.
तीन बच्चों में मिला मोतियाबिंद
जांच के दौरान तीन बच्चों में मोतियाबिंद पाया गया. इनका इलाज कश्यप मेमोरियल आई हॉस्पिटल करेगा. अस्पताल में भरती कर बच्चों के मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया जायेगा. बच्चों को चश्मा दिया जायेगा. मोतियाबिंद के चिह्नित बच्चों को 15 जुलाई तक अस्पताल में भरती कराया जायेगा.
समय से स्क्रीनिंग जरूरी : डॉ भारती
डॉ भारती कश्यप ने बताया कि अगर समय से पहले बच्चों की दृष्टिहीनता की स्क्रीनिंग शुरू की जाये, तो 16.6 प्रतिशत बच्चों में मोतियाबिंद होने से रोका जा सकता है. उन्होंने बताया कि वह रांची के सभी 19 ब्लॉक के स्कूली बच्चों के मोतियाबिंद की स्क्रीनिंग करेगी. स्वास्थ्य मंत्री के आदेश पर झारखंड शिक्षा परियोजना बच्चों को चिह्नित करेगी और एनआरएचएम बच्चों का इलाज कश्यप मेमोरियल अस्पताल में करायेगा.
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