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सीएनटी-एसपीटी: मुद्दे पर भाजपा ने साधी चुप्पी सरकार के पाले में फेंका गेंद

सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन का मामला फिलहाल अटक गया गया है. राज्यपाल द्रौपदी मुरमू ने 192 आपत्तियों के साथ सीएनटी-एसपीटी संशोधन विधेयक को सरकार के पास पुनर्विचार के लिए भेज दिया है. राज्यपाल के इस कदम के बाद झारखंड की राजनीति में सरगरमी है. विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरना शुरू कर […]

सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन का मामला फिलहाल अटक गया गया है. राज्यपाल द्रौपदी मुरमू ने 192 आपत्तियों के साथ सीएनटी-एसपीटी संशोधन विधेयक को सरकार के पास पुनर्विचार के लिए भेज दिया है. राज्यपाल के इस कदम के बाद झारखंड की राजनीति में सरगरमी है. विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. इधर, इस मुद्दे पर प्रदेश भाजपा के नेताओं ने चुप्पी साध ली है.
रांची: सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन का विधेयक राज्यपाल द्वारा सरकार को पुनर्विचार के लिए लौटाये जाने पर सरकार के बचाव में संगठन के पदाधिकारी सामने नहीं आ रहे हैं. संगठन का कोई भी नेता इस मुद्दे पर खुल कर अपनी बात नहीं रख रहा है. संगठन के कुछ नेता गेंद को सरकार के पाले में डाल कर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं.
इस संबंध में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा की भी अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी. उनसे संपर्क करने की कोशिश की गयी, लेकिन जवाब नहीं मिला. इधर, प्रदेश प्रवक्ता जेबी तुबिद से जब एसएमएस कर प्रतिक्रिया मांगी गयी, तो उन्होंने सिर्फ यह कह कर अपना पल्ला झाड़ लिया कि यह सरकार का विषय है. सोमवार को दोपहर में प्रदेश कार्यालय में कोई भी बड़ा पदाधिकारी मौजूद नहीं था. प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव, मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक, कार्यालय प्रभारी हेमंत दास के साथ कुछ कार्यकर्ता ही मौजूद थे. जब इस संबंध में प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव से पूछा गया, तो उन्होंने भी गोल मटोल जवाब दिया. उन्होंने कहा कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट के वापस होने का मामला सरकार से जुड़ा है. सरकार जो भी निर्णय लेगी, पार्टी उसके समर्थन में रहेगी.
पार्टी ने जश्न भी मनाया था
23 नवंबर को विधानसभा से सीएनटी-एसपीटी एक्ट पास होने पर प्रदेश भाजपा की ओर से जश्न मनाया गया था. प्रदेश कार्यालय के समक्ष कार्यकर्ताओं ने मिठाई बांट कर, ढ़ोल नगाड़े बजा कर अपनी खुशी का इजहार किया था. प्रदेश पदाधिकारियों ने सरकार के फैसले को ऐतिहासिक बताया था.

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