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उठ रहे सवाल: जमीन के दस्तावेज गायब करने के 15 मामले दर्ज किये गये हैं अब तक

जमीन के दस्तावेज गायब करने के अब तक 15 मामले दर्ज हो चुके हैं. जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, नये तथ्य सामने आ रहे हैं और बड़ा खुलासा होता जा रहा है. इस धंधे में लगे रैकेट ने रजिस्ट्री कार्यालय के रिकॉर्ड रूम की सुरक्षा व गोपनीयता की पूरी पोल ही खोल दी है. […]

जमीन के दस्तावेज गायब करने के अब तक 15 मामले दर्ज हो चुके हैं. जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, नये तथ्य सामने आ रहे हैं और बड़ा खुलासा होता जा रहा है. इस धंधे में लगे रैकेट ने रजिस्ट्री कार्यालय के रिकॉर्ड रूम की सुरक्षा व गोपनीयता की पूरी पोल ही खोल दी है. हर दिन नये पीड़ित अफसरों के पास पहुंच रहे हैं. संबंधित अधिकारियों द्वारा अंदेशा जताया जा रहा है कि दस्तावेज गायब कर जमीन बेचने के कई मामले अभी सामने आयेंगे.
रांची: अवर निबंधक कार्यालय रांची की अोर से दर्ज करायी गयी प्राथमिकी की संख्या भी बढ़ती जा रही है. वहीं लगातार केंद्रीय गृह मंत्रालय के कोलकाता स्थित केंद्रीय फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी को दस्तावेज भी जांच के लिए भेजे जा रहे हैं. ये मामले बरियातू, रातू, पुंदाग, बजरा, झिरी, बोड़ेया सहित अन्य इलाकों से संबंधित हैं.
झिरी के 4.43 एकड़ जमीन की हेराफेरी पर प्राथमिकी : रजिस्ट्री कार्यालय ने झिरी मौजा के खाता संख्या 30, प्लॉट 85, रकबा 4.43 एकड़ के मामले में भी प्राथमिकी दर्ज करायी है. इसकी डीड संख्या 4632, पृष्ठ संख्या 11 से 14, जिल्द संख्या 36 व वर्ष 1940 है. इस जमीन का इंडेक्स ही गायब कर दिया गया है. दस्तावेजों में छेड़छाड़ करके जमीन हड़पने व बेचने का प्रयास किया गया है. इस मामले में पीड़ितों की अोर से भी प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. मामले में जमीन के फरजी दस्तावेज तैयार कराये गये हैं. 13 मार्च 2017 को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज हुई है.
डीड 255 का भी पन्ना फाड़ा : यहां से डीड नंबर 255 का भी पन्ना फाड़ दिया गया है. इसका पन्ना मिल ही नहीं रहा है. यह वॉल्यूम छह के पृष्ठ 133 व 134 से संबंधित है. यह 1938 में दर्ज हुआ था. इसके पन्ने फाड़ कर जमीन हड़पने का प्रयास हुआ. रिकॉर्ड रूम से वास्तविक मालिक के दस्तावेजों को मिटाने का प्रयास हुआ. इस मामले में 17 मई 2016 को प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. इसमें रैकेट से जुड़े लोग तो बच गये, लेकिन रजिस्ट्री कार्यालय के ही तत्कालीन कर्मी रोपना उरांव, साबिर हसन व महादेव उरांव पर प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है.
बरियातू की जमीन के भी पन्ने गायब : बरियातू मौजा के वॉल्यूम 28 से संबंधित दस्तावेजों के भी पन्ने गायब हो गये हैं. वॉल्यूम 28 के पृष्ठ संख्या 192 से 197 तक को गायब कर दिया गया है. यह 1963 के डीड संख्या 2119 से संबंधित दस्तावेज हैं. अधिकारियों ने देखा कि इसके पूरे वॉल्यूम में छेड़छाड़ की गयी है. गायब करने के साथ ही कई दस्तावेजों में ब दलाव भी कर दिये जाने का मामला सामने आया था. इसे लेकर लगातार पीड़ित पक्ष भी परेशान था. रैकेट से जुड़े लोग इसे हड़पने में लगे हुए थे. इस मामले में जिला अवर निबंधक ने ही पुलिस को रिपोर्ट की और प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है.
नक्शा जांच के लिए कोलकाता भेजा
कागजात में छेड़छाड़ कर फरजीवाड़ा करने का एक मामला फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी कोलकाता भेजा है. जिला अवर निबंधक ने सारे दस्तावेज वहां भेजे हैं. आग्रह किया है कि इस जमीन से संबंधित नक्शा की जांच की जाये. यह पाया गया है कि इसके पूरे वॉल्यूम में छेड़छाड़ किया गया है. फर्जीवाड़ा कर जमीन हड़पी गयी है. वॉल्यूम 40, पृष्ठ संख्या 558, बुक संख्या एक से संबंधित यह मामला है. यह मामला 1974 से संबंधित है.

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