रांची : वनांचल डेंटल कॉलेज, गढ़वा के विद्यार्थियों ने कल्याण विभाग की छात्रवृत्ति पाने के लिए फरजीवाड़ा किया है. उपायुक्त गढ़वा के निर्देश पर कुल 75 विद्यार्थियों के जाति, आवासीय व आय प्रमाण पत्रों की जांच में यह खुलासा हुआ है. विभाग को रिपोर्ट मिलने के बाद संबंधित विद्यार्थियों सहित संस्थान, प्रबंधन तथा जिला कल्याण पदाधिकारी पर कार्रवाई की तैयारी हो रही है. इससे पहले सभी विद्यार्थियों से उन्हें दी गयी करीब एक करोड़ रुपये छात्रवृत्ति की वसूली होगी. पुलिस व शिक्षक से लेकर बंदोबस्त पदाधिकारी तक के बच्चों ने भी छात्रवृत्ति ले ली़ .
दरअसल वनांचल डेंटल कॉलेज में छात्रवृत्ति पाने के लिए ऐसे-ऐसे कारनामे हुए हैं, जिससे विभागीय अधिकारी भी दंग हैं. फरजीवाड़ा का यह खेल गत कई वर्षों से चल रहा था. ज्यादातर विद्यार्थियों ने गलत अाय प्रमाण पत्र के सहारे छात्रवृत्ति ली है. वहीं कई का आवासीय पता ही गलत है. गढ़वा निवासी हीरा मणि सिंह तो डेंटल कॉलेज का छात्र ही नहीं है, पर उसके नाम से अॉनलाइन आवेदन देकर छात्रवृत्ति ले ली गयी है. उसी तरह पलामू के मो. रिजवान के दिये पते पर इस नाम का कोई विद्यार्थी नहीं मिला. दरअसल संस्थान की शह पर डेंटल कॉलेज के विद्यार्थियों ने फरजी आवासीय व अाय प्रमाण पत्र संलग्न कर सरकार से छात्रवृत्ति ली है. गौरतलब है कि छात्रवृत्ति के लिए आय सीमा एससी-एसटी विद्यार्थियों के लिए सालाना अधिकतम 2.50 लाख जबकि अोबीसी विद्यार्थियों के लिए सालाना अधिकतम एक लाख रुपये तय है.कई विद्यार्थियों के अभिभावक सरकारी नौकरियों में हैं. कई के घर में चार पहिया वाहन हैं तथा उनके पिता अच्छे व्यवसायी हैं. पर सबने सरकार से छात्रवृत्ति लेने का जुगाड़ बना लिया. भविष्य में इस डेंटल कॉलेज के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति से वंचित किया जा सकता है़.
इससे पहले विभाग के संयुक्त सचिव ने उपायुक्त गढ़वा से अनुरोध किया था कि वह मामले की जांच कर इसकी रिपोर्ट विभाग को दें. दरअसल विभाग को यह सूचना मिली थी कि वनांचल डेंटल कॉलेज, गढ़वा में छात्रवृत्ति संबंधी अनियमितता हुई है. गौरतलब है कि इसी कॉलेज के विद्यार्थियों ने करीब दो माह पहले छात्रवृत्ति के मुद्दे पर विभागीय मंत्री लुईस मरांडी के आवास का घेराव किया था.
कैसी-कैसी गड़बड़ी
हीरामणि सिंह (गढ़वा) कॉलेज का छात्र ही नहीं, पर इस नाम से अॉनलाइन आवेदन देकर छात्रवृत्ति ली गयी
छात्रवृत्ति के लिए अावेदन संजय कुमार मित्रा (गढ़वा) ने दिया, पर सभी प्रमाण पत्र दयाशंकर ठाकुर का
कानुराम होनहागा (चाईबासा) के पिता झारखंड पुलिस में व मां सेवानिवृत्त शिक्षिका, पर आय सालाना 70 हजार दिखाया
मो. सफदर अली (गढ़वा) के घर में बोलेरो व पिकअप वैन है, पर अाय दिखाया 35 हजार रु सालाना
कुमारी स्मृति जायसवाल (गढ़वा) का तो सभी प्रमाण पत्र गलत है
एम श्रेया यूपी का रहने वाला है, इसके सभी प्रमाण पत्र गलत तरीके से बनाये गये हैं
जय प्रकाश कुमार (गढ़वा) के पिता अनुसेवक पद से सेवानिवृत्त हुए हैं. पर आय दिखाया 30 हजार रुपये सालाना
प्रीति कुमारी (गढ़वा) के पिता सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी व मां सरकारी शिक्षिका है. आय बताया 98500 रु सालाना
सुरभि विश्वास (गढ़वा) के पिता निजी चिकित्सक हैं तथा इनकी दवा दुकान भी है. अाय दिखाया 30 हजार रु सालाना
स्वाति गुप्ता (देवघर) की मां सरकारी शिक्षिका व पिता प्राइवेट कॉलेज में प्रोफेसर हैं. आय दिखाया 95 हजार सालाना
अर्चना कांत भूषण (गढ़वा) के पिता सरकारी शिक्षक हैं. वेतन 32 हजार/माह है. आय दिखाया 55 हजार रु सालाना
संगीता भारती (देवघर) के श्वसुर सेवानिवृत्त रेलवे टीटीइ हैं. स्वयं का होटल है. अाय दिखाया 45 हजार रु सालाना
सभी जिले में होगी जांच
कल्याण विभाग ने राज्य के सभी जिलों को छात्रवृत्ति के लिए आवेदन देनेवाले उनके 50-50 विद्यार्थियों की सूची उपलब्ध करायी है. ये वैसे विद्यार्थी हैं, जिनका आय प्रमाण पत्र प्रथमदृष्टया गलत लग रहा है. जिलों से कहा गया है कि वे इनकी जांच कर इसकी रिपोर्ट मुख्यालय को दें. विभाग ने यह निर्णय लिया है कि जिन संस्थानों से संबंधित गड़बड़ियां ज्यादा मिलेगी, उन संस्थानों के विद्यार्थियों को भविष्य में छात्रवृत्ति के लिए अयोग्य घोषित किया जा सकता है. वहीं संबंधित विद्यार्थियों से वसूली भी होगी.