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सुबह 11 बजे तक फुल हो जा रही हैं बिहार जानेवाली बसों की सीटें, पढ़ें आखिर क्या है कारण

रांची: धनबाद-चंद्रपुरा रेल मार्ग बंद किये जाने के बाद इस रूट से बिहार और अन्य जगहों पर जानेवाले लोगों की मुश्किलें बढ़ गयी हैं. इस रूट की ट्रेनें रद्द होने या मार्ग परिवर्तित होने के बाद लोगों के पास एक मात्र विकल्प के रूप में बस सेवा बची है. हालांकि, बसों की संख्या कम होने […]

रांची: धनबाद-चंद्रपुरा रेल मार्ग बंद किये जाने के बाद इस रूट से बिहार और अन्य जगहों पर जानेवाले लोगों की मुश्किलें बढ़ गयी हैं. इस रूट की ट्रेनें रद्द होने या मार्ग परिवर्तित होने के बाद लोगों के पास एक मात्र विकल्प के रूप में बस सेवा बची है. हालांकि, बसों की संख्या कम होने के कारण लोगों को खासा परेशान होना पड़ रहा है.

प्रभात खबर ने गुरुवार को राजधानी के सबसे बड़े खादगढ़ा बस स्टैंड का जायजा लिया. पता चला कि इन दिनों बस स्टैंड के हालात बदल गये हैं. जिन बसों की सीटें कभी कभार शाम तक पूरी तरह बुकिंग होती थी, उन बसों की सीटें दिन के 11 बजे तक ही पूरी बुक हो जा रही हैं. कई बसों में तो एडवांस बुकिंग के तहत तीन-चार दिन पहले की कई सीटें बुक हो चुकी हैं.
दरभंगा और भागलपुर पर सबसे अधिक असर : धनबाद-चंद्रपुरा रेल मार्ग पर ट्रेनों का परिचालन बंद होने का सबसे अधिक असर भागलपुर और दरभंगा जानेवाले लोगों पर पड़ा है. रांची से दरभंगा-मधुबनी के लिए जयनगर एक्सप्रेस ट्रेन चलती थी. वहीं, भागलपुर के लिए रांची-भागलपुर एक्सप्रेस चलती थी. इन दोनों ट्रेनों के बंद होने से इन जगहों तक जानेवाले यात्री तो परेशान हैं. वर्तमान में खादगढ़ा बस स्टैंड से दरभंगा के लिए प्रतिदिन न्यू चंद्रलोक, शिव ज्योति, विजय रोडवेज, पप्पू रोडवेज सहित अन्य छह बसें चलती हैं. वहीं, भागलपुर के लिए पप्पू रोडवेज, आशीर्वाद ट्रेवल्स सहित तीन बसें प्रतिदिन खुलती हैं. इन दोनों रूटों के लिए किराया 300 से 330 रुपये निर्धारित है.
धनबाद की बसों में सबसे अधिक भीड़ : रेल सेवा के बंद होने का सबसे अधिक असर धनबाद और बोकारो जानेवाले यात्रियों पर पड़ा है. जितनी भी ट्रेनें बंद हुई हैं, वे सभी बोकारो-धनबाद होकर ही अपने गंतव्य तक जाती थीं. ट्रेनों के बंद होने के बाद धनबाद रूट की बसें सवारियों से खचाखच भरी मिल रही हैं. इसके अलावा बसों में टूल, बोनट व छत पर बैठकर भी लोग सवारी करने को विवश हैं.
रांची से कहां के लिए कितनी हैं बसें
रांची से भागलपुर 6 बसें
रांची से दरभंगा 6 बसें
रांची से मुजफ्फरपुर 5 बसें
रांची से पुर्णिया 4 बसें
रांची से मधुबनी 1 बस
रांची से खगड़िया 2 बसें
रांची से सिल्लीगुड़ी 2 बसें
जिन-जिन रूटाें पर रेल सेवा बंद हुई है, हम उन रूटों पर बसों की संख्या बढ़ायेंगे. यात्रियों को सबसे अधिक परेशानी भागलपुर और दरभंगा जाने में हो रही है. हम जल्द से जल्द इन रूटों पर भी बसों की संख्या बढ़ायेंगे, राज्य सरकार से भी हमें यह दिशा निर्देश मिला है. कृष्ण मोहन सिंह, अध्यक्ष, रांची बस ओनर्स एसोसिएशन

ट्रेन खुलने से तीन घंटे पहले ही स्टेशन पहुंच गये थे यात्री
रांची. धनबाद-चंद्रपुरा रेल मार्ग पर ट्रेनों का परिचालन बंद होने के बाद यात्रियों के पास ज्यादा विकल्प नहीं बचे हैं. परिवर्तित मार्ग से बिहार तक जा रही ट्रेनों में यात्रियों की ठसाठस भीड़ है. रांची से बिहार के विभिन्न स्टेशनों से होते हुए गोरखपुर तक जाने वाली मौर्या एक्सप्रेस में गुरुवार को भी यही नजारा दिखा. मौर्या एक्सप्रेस रांची रेलवे स्टेशन से शाम चार बजे रवाना होती है, लेकिन यात्रियों की भीड़ गुरुवार दोपहर एक बजे से ही स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर एक पर जमी हुई थी. गुरुवार से रद्द हो चुकी रांची-भागलपुर और रांची-जयनगर एक्सप्रेस के यात्री भी इस भीड़ में शामिल थे. राजधानी एक्सप्रेस के खुलने के बाद जैसे ही मौर्या एक्सप्रेस के आने की सूचना प्रसारित की गयी, यात्री एक्शन मोड में आ गये. ट्रेन पूरी तरह रुकी भी नहीं थी कि यात्रियों ने उसमें चढ़ा शुरू कर दिया. ट्रेन रुकी तो बोगी के दोनों गेट से भीड़ अंदर जाने के लिए धक्का-मुक्की करने लगी. जिस जहां जगह मिला, वहां बैठ गया. स्थिति यह थी कि एक सीट पर छह से सात लोग बैठे थे. बड़ी संख्या में लोग खड़े हो कर और टॉयलेट के पास बैठक कर अपने गंतव्य की अोर गये.

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