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रांची : राजधानी में मिलावटी सरसों तेल के गोरखधंधे का खुलासा के बाद उपभोक्ताओं के मन में भय पैदा हो गया है. अनजाने में इस्तेमाल किये गये खाद्य पदार्थो का असर उनके सेहत पर पड़ता है. मिलावटी सरसों तेल के संबंध में पैदा आशंका के बीच प्रभात खबर के वरिष्ठ संवाददाता सुनील चौधरी झारखंड सरकार के लैब पहुंचे,जहां सरकार के खाद्य विश्लेषक अधिकारी चतुर्भुज मीणा ने लैब में जांच कर बताया कि कैसे मिलावटी तेल की पहचान की जाती है. मिलावटी तेल में Conc. HCL डाला जाता है. अगर उस तेल का रंग लाल हो जाये तो समझा जाता है कि सरसों तेल मिलावटी है. पतंजलि तेल का टेस्ट किया गया, जिसे आप वीडियों में भी देख सकते हैं. पतंजलि तेल में Conc. HCL मिलाया गया तो , उसके रंग में किसी तरह का परिवर्तन नहीं हुआ .
मिलावटी तेल में मिला जहरीला हाइड्रोजन साइनाइड
क्या है मिलावटी तेल का मामला
पिछले दिनों शहर के एसडीओ भोर सिंह यादव ने मिलावटी सरसों तेल के गोरखधंधे का खुलासा किया. एसडीओ ने अपर बाजार की चार दुकान व एक गोदाम को छापेमारी कर सील कर दिया. दुकान से कई ब्रांड के खाली टीन, नकली तेल, झांस के लिए केमिकल चाकू, टीन सील करने की मशीन आदि मिले. इस घटना के बाद से रांची वासियों में दहशत का माहौल है. मिलावटी तेल लोगों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
मिलावटी तेल में पाया गया हाइड्रोजन साइनाइड
रांची के अपर बाजार में हुई छापेमारी में जब्त मिलावटी तेल में हाइड्रोजन साइनाइड पाया गया है, जो शरीर के लिए बेहद हानिकारक है. विशेषज्ञों के अनुसार, इसके प्रयोग से ब्रेन हेमरेज, अल्सर रोग हो सकते हैं. पिछले दिनों रांची के एसडीओ भोर सिंह यादव द्वारा जिन दो प्रतिष्ठानों में छापेमारी कर तेल जब्त किये गये थे, इसके सात सैंपल को जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग के नामकुम आरसीएच स्थित स्टेट फूड लेबोरेटरी भेजे गये थे.