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दो हजार रुपये से कम की मजदूरी भी नहीं दी जा रही नकद, बीड़ी पत्ते की तोड़ाई प्रभावित
रांची: बीड़ी पत्ता मजदूरों को कैश भुगतान नहीं किये जाने के कारण राज्य में कुछ स्थानों पर केंदू पत्ता की तोड़ाई प्रभावित हो रही है. हालांकि रांची और धालभूम प्रमंडल में लगभग शत प्रतिशत तोड़ाई की जा चुकी है. वहीं गिरिडीह प्रमंडल में 40 से 50, गढ़वा में 60 से 70 तथा डालटनगंज प्रमंडल में […]
रांची: बीड़ी पत्ता मजदूरों को कैश भुगतान नहीं किये जाने के कारण राज्य में कुछ स्थानों पर केंदू पत्ता की तोड़ाई प्रभावित हो रही है. हालांकि रांची और धालभूम प्रमंडल में लगभग शत प्रतिशत तोड़ाई की जा चुकी है. वहीं गिरिडीह प्रमंडल में 40 से 50, गढ़वा में 60 से 70 तथा डालटनगंज प्रमंडल में 50 से 60 फीसदी ही केंदू पत्ते की तोड़ाई हुई है.
ज्ञात हो कि गढ़वा और पलामू में 10 जून तक ही केंदू पत्ते की तोड़ाई होती है. अन्य जगहों पर लेट तक तोड़ाई होती है. डालटनगंज और गढ़वा प्रमंडल में तोड़ाई की धीमी गति होने के कारण मजदूरों के साथ-साथ व्यापारियों में भी नाराजगी है. इन दोनों प्रमंडलों में मजदूरों को नकद भुगतान नहीं किया जा रहा है. पलामू में तो कई स्थानों पर मजदूरों ने पत्ता तोड़ने के बाद उसे जला भी दिया है. गोड्डा में बुधवार को मजदूरों ने कैश भुगतान की मांग को लेकर निगम के स्थानीय अधिकारियों का घेराव किया. जिला प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद मजदूर शांत हुए.
क्या है प्रावधान : झारखंड राज्य केंदू पत्ता नीति-2015 में सभी मजदूरों को खाते में मजदूरी देने का प्रावधान है. नीति में यह भी प्रावधान है कि पैसा केंदू पत्ता संग्रहकों की समिति को दी जायेगी. संग्रहकों की समिति दो हजार से कम रुपये मजदूरी का भुगतान नकद भी कर सकती है.
क्या है मजदूरों की समस्या : डालटनगंज के कई मजदूरों का कहना है कि खाते में पैसा जाने में कोई परेशानी नहीं है, लेकिन बैंक गांव से 40-50 किलोमीटर दूर है. वहां जाने-आने में एक दिन का समय लग जाता है और 100 रुपये भाड़ा भी लग जाता है. कभी-कभी पैसा भी नहीं मिल पाता है. ऐसे में उस दिन काम पर नहीं जा पाते हैं. हम लोग जिस समय पत्ता जमा करते हैं, उसी समय पैसा मिल जाये, तो अच्छा रहेगा. भुगतान चाहे बैंक करे या समिति.
120 करोड़ रुपये में एडवांस बिका केंदू पत्ता : झारखंड-बिहार के इतिहास में पहली बार 120 करोड़ रुपये में एडवांस केंदू पत्ते की बिक्री हुई है. इसमें कमाई के करीब 30 करोड़ रुपये मजदूरों को बोनस के रूप में दिये जायेंगे. 20 फीसदी राशि केंदू पत्ते इलाके के विकास मद में खर्च होगी. मजदूरों के बीच राजस्व के अलावा करीब 92 करोड़ रुपये मजदूरी के रूप में बांटे जाते हैं.
क्या कहते हैं व्यापारी : केंदू पत्ता क्रेता संघ के अध्यक्ष विमल कुमार ने कहा कि पलामू में सारे नियमों को ताक पर रख कर काम हो रहा है. क्रेताओं से एडवांस पैसा जमा करा लिया गया है. पैसा जमा करने के 48 घंटे के अंदर पत्ता देने का वादा है, लेकिन पत्ता नहीं मिल रहा है. कई स्थानों पर तो मजदूरों ने तोड़ाई भी बंद कर दी है. यही स्थिति रही, तो अगले साल निगम को पत्ता खरीदने वाला नहीं मिलेगा. यहां के अधिकारियों का कहना है कि हम तो वन विभाग से हैं, निगम को नुकसान होने से हमारा कुछ नहीं बिगड़ेगा.
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