साथ ही ऐशपौंड के निर्माण पर तत्काल रोक लगाने तथा 31 मई को ग्रामीणों पर किये गये लाठीचार्ज की न्यायिक जांच कराने का आग्रह किया. बताया गया कि स्थानीय नागरिकों द्वारा इस निर्माण का लगातार विरोध किया जा रहा है.
प्रभावित ग्रामीणों ने इसको लेकर सभी संबंधित प्रशासनिक विभाग के अधिकारियों को पत्र भी लिखा है. इसके बावजूद ग्रामीणों की बात नहीं सुनी जा रही है. ऐशपौंड निर्माण के विरोध में जब ग्रामीणों ने धरना दिया, तो पुलिस द्वारा उन पर लाठीचार्ज किया गया. ग्रामीणों का आरोप है कि उनसे यह कह कर जमीन का अधिग्रहण कराया गया कि इस जमीन पर आवासीय कॉलोनी समेत विद्यालय व अस्पताल बनाये जायेंगे, लेकिन अब जबरन ऐशपौंड का निर्माण कराया जा रहा है. प्रतिनिधिमंडल में कई लोग शामिल थे.