रांची: मैट्रिक परीक्षा, 2017 के रिजल्ट में हुई गड़बड़ी में स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) सचिव रजनीकांत वर्मा पर कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी है. विभाग ने जैक सचिव को कारण बताओ नोटिस भेजा है. रिजल्ट में हुई गड़बड़ी पर विभागीय सचिव ने जैक से रिपोर्ट मांगी थी.
जैक ने अपनी रिपाेर्ट में रिजल्ट में गड़बड़ी के लिए एजेंसी को दोषी ठहराया है. एजेंसी ही रिजल्ट तैयार करती है. सरकार ने जैक के तर्क को दरकिनार किया आैर जिम्मेदार अफसराें पर कड़ी कार्रवाई का निर्णय लिया. सरकार का मानना है िक जैक अपनी जिम्मेवारी से बच नहीं सकता. जैक के सचिव को भेजे कारण बताओ नाेटिस में कहा गया है कि रिजल्ट में गड़बड़ी के कारण सरकार व विभाग की छवि धूमिल हुई है.
इसके लिए क्यों न आपके खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई की जाये. सचिव से 12 जून तक अपना पक्ष रखने को कहा गया है. जवाब नहीं मिलने पर सरकार सचिव के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र होगी. सचिव को भेजे गये पत्र में कहा गया है कि यह क्यों न माना जाये कि काम जिम्मेदारी से नहीं करने के कारण यह गड़ृबड़ी हुई? उल्लेखनीय है कि रिजल्ट में गड़बड़ी के कारण लगभग 27 हजार पास परीक्षार्थी मैट्रिक की परीक्षा में फेल हो गये थे.बाद में उनका रिजल्ट संशाेधित किया गया था.
जैक ने पल्ला झाड़ा : जैक ने विभाग को भेजी रिपोर्ट में जैक से स्तर से कोई गड़बड़ी नहीं होने की बात कही है. पर विभाग जैक के तर्क से सहमत नहीं. विभाग का मानाना है कि अगर परीक्षा लेना व रिजल्ट जारी करना जैक की जिम्मेदारी है, तो इसमें गड़बड़ी के लिए भी जैक के संबंधित पदाधिकारी ही जिम्मेदार हैं. रिजल्ट में हुई गड़बड़ी को एजेंसी की गलती कह कर जैक नहीं बच सकता. जैक ने अपनी रिपाेर्ट में कहा है कि रिजल्ट तैयार करनेवाली एजेंसी की गलती के कारण गलत रिजल्ट जारी हुआ. जैक के निर्देश को समझने में एजेंसी से चूक हुई. इस कारण रिजल्ट में भाषा संबंधी विसंगति हो गयी.
रिजल्ट में क्या हुई थी गड़बड़ी
मैट्रिक रिजल्ट में भाषा संबंधी प्रावधान का पालन नहीं किया गया था. अगर कोई विद्यार्थी हिंदी व अंगरेजी दोनों विषय में से किसी एक में फेल हो व अतिरिक्त विषय के रूप में रखे गये भाषा में पास हो, तो विद्यार्थी पास होता है. इस वर्ष रिजल्ट में इसका पालन नहीं किया गया था, इस कारण पास विद्यार्थी भी फेल हो गये थे.
10% बढ़ गया था रिजल्ट
रिजल्ट में गड़बड़ी का मामला उजागर होने के बाद जैक ने इसमें सुधार किया. सुधार के बाद रिजल्ट में लगभग 10 फीसदी की बढ़ोतरी हो गयी. परीक्षा में लगभग 27 हजार और परीक्षार्थी पास हो गये. सभी परीक्षार्थियाें को 30 मई को जैक की ओर से जारी रिजल्ट में फेल कर दिया गया था.