Jharkhand news: रामगढ़ जिला अंतर्गत पतरातू प्रखंड के आदिवासी बाहुल गांव उरलुंग में पानी भरे एक गड्ढे में डूबकर एक ही परिवार के तीन बच्चों की मौत हो गयी. तीनों बच्चे उरलुंग निवासी सह भूतपूर्व सैनिक धनेश्वर उरांव के परिवार के थे. इस हादसे के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. वहीं, गत 15 दिनों के अंदर गड्ढे में डूबकर बच्चों की मौत होने की यह दूसरी घटना है.
क्या है मामला
परिजनों ने बताया कि अश्विनी उरांव की 10 वर्षीय पुत्री शैली कुमारी और 7 वर्षीय पुत्र सुजल कुमार अपनी फुफेरी बहन राय बचरा निवासी कालीचरण उरांव की 9 वर्षीय पुत्री कृति कुमारी बुधवार को घर से खेलने के लिए निकले थे. काफी देर तक वापस नहीं लौटने पर परिजनों द्वारा खोजबीन शुरू की गयी. खोजबीन के क्रम में पानी भरे एक गड्ढे के किनारे बच्चों के कपड़े एवं चप्पल आदि दिखायी पड़ा. इसके बाद लोगों ने पानी भरे गड्ढे में बच्चों को खोजना शुरू किया. लोगों ने गड्ढे में बांस डालकर खोज की, तो एक बच्चे का शव पानी के ऊपर आ गया. इसके बाद लोगों ने बांस से ही पानी के अंदर खोज करने पर दो और शव ऊपर आ गये. शवों के मिलते ही पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गयी तथा बच्चों के परिजन रोते-बिलखते गड्ढे के किनारे पहुंच गये. सारा माहौल गमगीन हो गया.
बच्चों के शव का नहीं हुआ पोस्टमार्टम
घटना की सूचना मिलते ही बरकाकाना ओपी प्रभारी मंटू चौधरी, सअनि वीरेंद्र प्रसाद दल-बल के साथ उरलुंग पहुंचे. ग्रामीण एवं परिजनों के आग्रह पर बच्चों के शवों का पोस्टमार्टम नहीं कराया गया. दो बच्चे सुजल एवं शैली का अंतिम संस्कार उरलुंग में किया गया तथा एक बच्ची कृति के शव को उसके माता-पिता राय-बचरा ले गये.
15 दिनों के अंदर दूसरी घटना
विगत 15 दिनों के भीतर बच्चों के पानी में डूबकर मौत होने की यह दूसरी घटना है. इससे पूर्व 10 फरवरी को भी बरकाकाना ओपी के हेहल ग्राम में सहोदर दो भाइयों के पानी में डूबने से मौत हो गयी थी. वहां मौजूद ग्रामीण और परिजन काफी आक्रोशित थे.
ग्रामीणों ने गड्ढे बनाने के लिए रेलवे ठेकेदार पर लगाया आरोप
घटना के संबंध में ग्रामीण समेत वार्ड पार्षद गीता देवी ने कहा कि नवनिर्मित बरकाकाना एवोडिंग स्टेशन के समीप मिट्टी उठाने के लिए रेलवे ठेकेदार द्वारा गड्ढा किया गया था. गड्ढे में जमा पानी से रेलवे ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य किया जा रहा है. रेलवे ठेकेदार की लपारवाही के कारण तीन बच्चों की मौत हो गयी है. रेलवे द्वारा जल्द से जल्द गड्ढों को नहीं भरा गया, तो आंदोलन का रूख अख्तियार किया जायेगा.
Posted By: Samir Ranjan.