झाविमो ने महाप्रबंधक कार्यालय के समीप दिया धरना, सीसीएल प्रबंधन की नीति मजदूर व विस्थापन विरोधी

उरीमारी: झारखंड विकास मोरचा ने 21 सूत्री मांगों को लेकर गुरुवार को सयाल स्थित महाप्रबंधक कार्यालय के समक्ष प्रखंड अध्यक्ष प्रदीप महतो की अध्यक्षता में धरना दिया. मौके पर मुख्य अतिथि किसान मोरचा के केंद्रीय अध्यक्ष शिव लाल महतो ने कहा कि सीसीएल प्रबंधन की नीति मजदूर व विस्थापन विरोधी है. प्रबंधन जमीन लेकर विस्थापितों […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 17, 2017 11:48 AM
उरीमारी: झारखंड विकास मोरचा ने 21 सूत्री मांगों को लेकर गुरुवार को सयाल स्थित महाप्रबंधक कार्यालय के समक्ष प्रखंड अध्यक्ष प्रदीप महतो की अध्यक्षता में धरना दिया. मौके पर मुख्य अतिथि किसान मोरचा के केंद्रीय अध्यक्ष शिव लाल महतो ने कहा कि सीसीएल प्रबंधन की नीति मजदूर व विस्थापन विरोधी है. प्रबंधन जमीन लेकर विस्थापितों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराती है.

केंद्रीय सदस्य दुर्गाचरण प्रसाद ने कहा कि 10 नंबर भूमिगत खदान के मजदूरों का प्रबंधन तबादला करने में दोहरी नीति अपना रही है. उन्हें उनकी इच्छानुसार तबादला नहीं कर रही है. इसलिए प्रबंधन संदेह के घेरे में है.

क्यूम अंसारी व जिलाध्यक्ष गोविंद बेदिया ने कहा कि प्रबंधन कोयला मजदूरों के प्रति अपने दोहरे रवैये में बदलाव कर विस्थापितों को रोजगार देने का काम करें. युवा मोरचा के जिलाध्यक्ष अखिलेश प्रसाद ने कहा कि सीसीएल के मजदूरों को प्रबंधन बुनियादी सुविधाएं दें. सभा को गोपी प्रजापति, मोहन मांझी, मन्ना राम मांझी, गोविंद करमाली ने भी संबोधित किया. मौके पर त्रिलोकी गिरि, अमोद प्रसाद, संतोष तुरी, सुनील मुंडा, जोपल बेसरा, शंकर सोरेन, सुनील मुंडा, तसलीम, सुकरा उरांव, राजेश राय, संजय उरांव, विश्वनाथ उरांव, अजय करमाली, राजबली राम, लालदेव सोरेन, सहदेव बाउरी, उर्मिला देवी, चंदन देवी, राजेश बाउरी, अरुण सिंह, सुनीता देवी, चुन्नू मांझी, शिवकुमार, सुरेंद्रनाथ कुशवाहा आदि उपस्थित थे. संचालन सहामत हुसैन ने किया. अंत में प्रबंधन को 21 सूत्री मांग पत्र सौंपा गया.

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