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अशु प्रेस के संचालक इशुमान हिरासत में

मेदिनीनगर : सरकारी खाते से स्वीकृत राशि से अधिक पैसे निकासी के मामले में सोमवार को अशु प्रेस के संचालक इशुमान उर्फ मानु को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. थाना प्रभारी संजय कुमार मालवीय ने बताया कि हिरासत में लेकर इशुमान से पूछताछ की जा रही है. सूत्रों की माने तो इशुमान ने […]

मेदिनीनगर : सरकारी खाते से स्वीकृत राशि से अधिक पैसे निकासी के मामले में सोमवार को अशु प्रेस के संचालक इशुमान उर्फ मानु को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. थाना प्रभारी संजय कुमार मालवीय ने बताया कि हिरासत में लेकर इशुमान से पूछताछ की जा रही है. सूत्रों की माने तो इशुमान ने यह स्वीकार किया है कि उसे स्वीकृत राशि से अधिक पैसे चेक के माध्यम से मिले है.

लेकिन वह पैसा उसके पास नहीं रहता था. तत्कालीन जिला नाजिर शैलेश कुमार द्वारा पैसा ले लिया जाता था. बताया जाता है कि अन्य आपूर्तिकर्ताओं ने अपना यह पक्ष रखा है कि उसे स्वीकृत राशि के विरुद्ध ही पैसा लिया है. लेकिन मानु भी यह स्वीकार कर रहा है कि उसे अधिक पैसे मिले है. सूत्रों की माने तो उसने जो खुलासा किया है, उसके मुताबिक पैसा जिला नाजिर के पास ही चला जाता था. यद्यपि इस मामले में पुलिस ने अभी तक कुछ भी खुलासा नहीं किया है. थाना प्रभारी संजय कुमार मालवीय का कहना है कि पूछताछ की जा रही है. सोमवार को कचहरी परिसर से इशुमान को हिरासत में लिया गया है.

एनडीसी सतीश कुमार का कहना है इशुमान ने स्वीकार किया है कि उसने अधिक पैसे लिए है, पर उसे अंधेरे में रख कर जिला नाजिर शैलेश कुमार ने ऐसा किया है. मालूम हो कि जनवरी 2016 से जून 2016 तक जो मामले सामने आये थे, उसके मुताबिक छह माह के दौरान 100 चेक निर्गत हुए थे, जिसमें 29 चेक ऐसे पाये गये जिसके माध्यम से स्वीकृत राशि से अधिक की निकासी की गयी है. आरोप है कि जिला नाजिर शैलेश कुमार ने फर्जीवाड़ा कर आपूर्तिकर्ताओं के मदद से सरकारी खाते से स्वीकृत राशि से अधिक की निकासी की है. मामले की जांच जारी है. आपू्र्तिकर्ताओं को प्रशासन ने नोटिस भी जारी की है.

2010 तक बैंक विवरणी मिला : सरकारी खाते से स्वीकृत राशि से अधिक राशि के निकासी के मामले में सोमवार को 2010 तक बैंक विवरणी मिल गया है. इसकी समीक्षा शुरू कर दी गयी है. जनवरी 2014 से लेकर जून 2016 तक का जो चेक पंजी और बैंक विवरणी से मिलान के बाद स्वीकृत राशि से अधिक दो करोड़ 36 लाख रुपये निकासी का मामला सामने आया था. आरोप है कि चेक में छेड़छाड़ कर पूर्व जिला नाजिर शैलेश कुमार द्वारा इस राशि के निकासी आपूर्तिकर्ताओं के मदद से की है. पुलिस इसकी छानबीन कर रही है.

बताया जाता है कि चार वर्षों का जो आंकड़ा मिला है, उससे राशि में और भी इजाफा होगा. मालूम हो कि शैलेश कुमार नौ वर्षों तक जिला नाजिर के रूप में कार्यरत थे. शैलेश 12 जनवरी 2007 से नौ जुलाई 2016 तक जिला नाजिर रहे थे. जिला नाजिर शैलेश कुमार के नौ वर्षों के कार्यकाल के जांच के लिए पलामू उपायुक्त अमीत कुमार ने विशेष टीम गठित की है, जो मामले की जांच में जुटी है.

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