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प्रतिनिधि अपने अधिकारों को जानें
पुलिस स्टेडियम में पंचायत प्रतिनिधियों का जिलास्तरीय सम्मेलन सह प्रशिक्षण सूचना का आदान-प्रदान एवं समन्वय जरूरी है मेदिनीनगर : शुक्रवार को पुलिस स्टेडियम में त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों का जिलास्तरीय सम्मेलन सह प्रशिक्षण का आयोजन हुआ. इसका उदघाटन मुख्य अतिथि पलामू के उपायुक्त अमित कुमार ने किया. डीसी श्री कुमार ने कहा कि गांवों के विकास […]
पुलिस स्टेडियम में पंचायत प्रतिनिधियों का जिलास्तरीय सम्मेलन सह प्रशिक्षण
सूचना का आदान-प्रदान एवं समन्वय जरूरी है
मेदिनीनगर : शुक्रवार को पुलिस स्टेडियम में त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों का जिलास्तरीय सम्मेलन सह प्रशिक्षण का आयोजन हुआ. इसका उदघाटन मुख्य अतिथि पलामू के उपायुक्त अमित कुमार ने किया. डीसी श्री कुमार ने कहा कि गांवों के विकास के लिए सरकार ने सत्ता का विकेंद्रीकरण तो कर दिया, अब जरूरत है पंचायत के सभी जनप्रतिनिधि अपने अधिकार को समझते हुए अपने कर्तव्य का निर्वहन पूरी ईमानदारी व निष्ठा के साथ करें, तभी ग्राम स्वराज का सपना पूरा होगा.
पंचायतीराज व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने की दिशा में सभी पंचायत प्रतिनिधियों को एकजुट होकर काम करने की जरूरत है. डीसी श्री कुमार ने कहा कि अक्सर यह समस्या सामने आती है कि त्रिस्तरीय पंचायत जनप्रतिनिधियों का आपस में समन्वय नहीं है. इस समस्या के कारण विकास का कार्य बाधित होता है. कई वार्ड सदस्यों की यह शिकायत रहती है कि पंचायत की मुखिया उन्हें तरजीह नहीं देते और न ही किसी तरह के निर्णय में उनसे सलाह ली जाती है. सूचना के आदान-प्रदान एवं समन्वय जरूरी है. सूचना सभी लोगों तक नहीं पहुंचाना यह घोर अपराध है. ऐसी स्थिति किसी भी पंचायत में उत्पन्न हो, इसका ख्याल सभी पंचायत प्रतिनिधियों को रखना होगा. उन्होंने कहा कि सूचना का सशक्त फोरम पंचायत सचिवालय एवं ग्रामसभा है. पंचायत प्रतिनिधियों के सामूहिक एवं ईमानदार पहल से ही पंचायत, जिला व राज्य की सूरत बदलेगी.
ग्रामसभा में भाग लें सभी पंचायत जनप्रतिनिधि
डीसी ने कहा कि सरकार के निर्देश के आलोक में प्रत्येक माह सभी पंचायतों के गांवों में ग्रामसभा के लिए रोस्टर जारी कर दिया गया है. इस पर काम भी हो रहा है. ग्रामसभा में जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति सदस्य, मुखिया व वार्ड सदस्यों को भाग लेना अनिवार्य है.
ग्रामसभा में सिर्फ योजनाएं ही चयनित नहीं होती, बल्कि पंचायत क्षेत्र में संचालित विभिन्न विभागों के कार्यों एवं सेवाओं का पर्यवेक्षण एवं आकलन भी होता है. जनसमस्याओं की शिकायतों का निवारण भी किया जाता है. विभागों के कार्यों एवं सेवाओं को बेहतर तरीके से संपादित किया जाये, इसके लिए सभी जनप्रतिनिधियों को ग्रामसभा में शामिल होना जरूरी है. विभागों के कार्यों की जितनी निगरानी होगी, उतना ही काम बेहतर होगा और लोगों को इसका लाभ मिलेगा. समस्याएं घटेंगी. ग्रामसभा के माध्यम से सामाजिक मुद्दों का भी निबटारा किया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि महिला सशक्तीकरण की दिशा में सरकार ने महिलाओं को आरक्षण दिया, पंचायत चुनाव में काफी संख्या में महिलाएं प्रतिनिधि के रूप में चुनी गयी, लेकिन अक्सर यह सुनने को मिलता है कि महिला प्रतिनिधियों की जगह उनके पति या पुत्र ही उनका काम करते हैं. बैठक में भाग लेते हैं और उनके अधिकारों को हनन करते हैं. ऐसा करना किसी भी दृष्टिकोण से उचित नहीं है. महिला प्रतिनिधियों के कार्यों में सहयोग करें, लेकिन उनका कार्य स्वयं न करें. दहेज प्रथा, डायन-बिसाही, भ्रूण हत्या जैसे सामाजिक कुरीतियों को दूर करने की दिशा में भी कार्य करें, ताकि बेहतर समाज का निर्माण हो सके.
अनुशासन से ही आयेगा स्वराज : डीडीसी
उपविकास आयुक्त रविशंकर वर्मा ने कहा कि ग्राम स्वराज लाने के लिए अनुशासन जरूरी है, पंचायत प्रतिनिधियों को अनुशासन में रहकर काम करना होगा. पंचायतीराज व्यवस्था के प्रावधानों के तहत जो शक्तियां दी गयी है, उसका उपयोग सही दिशा में करें. पंचायत को खुशहाल व समृद्ध बनायें, इसके लिए आपसी समन्वय बनाकर विकास की गति को तेज करें. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने 29 जनवरी 1948 को कहा था कि गांवों को आर्थिक, सामाजिक व नैतिक आजादी नहीं मिलती है तो देश की आजादी का कोई मतलब नहीं है. गांधी जी के इस वक्तव्य को केंद्रित कर ही सरकार पंचवर्षीय योजना एवं ग्रामीण विकास की योजना तैयार करती है.
पंचायतीराज व्यवस्था को सशक्त बनाने की दिशा में होगा काम : उपाध्यक्ष
जिला परिषद उपाध्यक्ष संजय कुमार सिंह ने कहा कि सभी पंचायत के जनप्रतिनिधि मिल कर पंचायतीराज व्यवस्था को सशक्त बनाने का काम करेंगे. 14 विभागों के तहत 29 शक्तियां, जो उनलोगों को प्रदान की गयी है, उसका उपयोग करते हुए पंचायत को खुशहाल व विकसित बनाने की दिशा में काम करेंगे.
सम्मेलन सह प्रशिक्षण में डीएसओ एडमंड कुजूर, डीइओ मीना राय, डीएफओ नरेशचंद्र सिंह मुंडा, भूमि संरक्षण पदाधिकारी जयप्रकाश तिवारी, जिला पंचायतीराज पदाधिकारी शांति पांडेय आदि ने अपने विभागों के कार्यों की जानकारी दी और इसे सही तरीके से संचालित करने में पंचायत प्रतिनिधियों को मॉनिटिरिंग करने को कहा.
कार्यक्रम का संचालन मनु प्रसाद तिवारी ने किया. कार्यक्रम में पूर्व जिप उपाध्यक्ष विनोद सिंह, जिप सदस्य लवली गुप्ता, शैलेंद्र कुमार शैलु, रानो देवी, अनुज राम, प्रमुख सुचिता देवी, मुखिया संघ के जिलाध्यक्ष उदय सिंह, पंसस संघ के जिलाध्यक्ष अजय दुबे, मुखिया संघ के सदर प्रखंड अध्यक्ष विनय कुमार त्रिपाठी, मुखिया आरती देवी, सत्येंद्र तिवारी, सुषमा कुमारी आहूजा, ह्रदयानंद मेहता, उपेंद्रनाथ सिंह, मेघनाथ मेहता, अमित जायसवाल सहित जिले के त्रिस्तरीय पंचायत जनप्रतिनिधि मौजूद थे.
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