मेदिनीनगर : समृद्धि की रोटी अभियान के तहत महिलाएं लोगों से रोटी इकट्ठा कर उसे ऐसे लोगों तक पहुंचाती हैं, जिनके पास खाने को दो जून की रोटी नसीब नहीं है. रेड़मा निवासी शीला श्रीवास्तव और उनके साथ लगभग 10 महिलाओं ने मिल कर यह बीड़ा उठाया है कि बेसहारों को सहारा दिया जाये.
पिछले एक सप्ताह से यह कार्यक्रम लगातार चल रहा है. अब आलम यह है कि डालटनगंज रेलवे स्टेशन व उसके आसपास शाम ढलते ही वैसे लोग कतारबद्ध होकर बैठ जाते हैं, जिन्हें इन महिला मंडली द्वारा रोटी दी जाती है. इस संबंध में शीला श्रीवास्तव बताती हैं कि समृद्धि की रोटी अभियान के तहत प्रतिदिन वे और उनकी सहेलियां 40-50 परिवार के दरवाजे पर जाती हैं. हर परिवार से आग्रहपूर्वक रोटी मांगती हैं.
फिर शाम को जाकर उन परिवारों से रोटी इकट्ठा करती हैं. उसका पैकेट बनाकर शाम सात बजे रेलवे स्टेशन,बस स्टैंड या अस्पताल में भरती वैसे असहाय लोगों तक पहुंचाते हैं, जिनके पास खाने की कोई जुगाड़ न हो. श्रीमती श्रीवास्तव ने बताया कि उन्हें अपने वाट्सएप्प पर एक दिन उतरप्रदेश के बुंदेलखंड में चल रही रोटी बैंक से संबंधित एक वीडियो प्राप्त हुआ, इसी वीडियो को देखने के बाद वे प्रेरित होकर अपने परिचितों से बात की और समृद्धि की रोटी अभियान चल पड़ा.
इस काम में श्रीमती श्रीवास्तव के पति पंकज श्रीवास्तव भी उनका हाथ बंटाते हैं. इसके अलावा इस अभियान में वंदना श्रीवास्तव, शर्मिला सुमी, रेखा देवी, देवेंदर कौर, श्रवण कुमार, चंदन कुमार, राकेश तिवारी जैसे लोग जुड़े हुए हैं. समृद्धि की रोटी अभियान इन्हीं के सहारे धीरे-धीरे एक सशक्त रूप ले रहा है.