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रो-रोकर बुरा हाल था परिजनों का
मेदिनीनगर : छतरपुर स्थित कालापहाड़ में माओवादियों द्वारा बारूदी सुरंग विस्फोट में शहीद जवानों को अंतिम सलामी गुरुवार को पुलिस लाइन में दी गयी. इस दौरान कई शहीद के परिजन पुलिस लाइन में आये थे. परिजनों का रो- रोकर बुरा हाल था. चालक संजय शर्मा की पत्नी रामसखी देवी जैसे ही मैदान में पहुंची, वह […]
मेदिनीनगर : छतरपुर स्थित कालापहाड़ में माओवादियों द्वारा बारूदी सुरंग विस्फोट में शहीद जवानों को अंतिम सलामी गुरुवार को पुलिस लाइन में दी गयी. इस दौरान कई शहीद के परिजन पुलिस लाइन में आये थे.
परिजनों का रो- रोकर बुरा हाल था. चालक संजय शर्मा की पत्नी रामसखी देवी जैसे ही मैदान में पहुंची, वह दहाड़ मार कर रोने लगी. संजय शर्मा की चार पुत्री व एक पुत्र हैं. सबसे छोटा पुत्र भी साथ में आया था. उसका भाई राजीव शर्मा बच्ची को गोद में लिये हुए था. यह दृश्य देख कर वहां मौजूद लोग अपने आप को रोने से नहीं रोक पाये.
वहीं, चौकीदार महेंद्र राम की पत्नी सुषमा देवी व बहन सरस्वती देवी का रो-रोकर बुरा हाल था. महिला पुलिसकर्मी सुषमा व सरस्वती को सांत्वना दे रही थीं. संजय शर्मा की पत्नी रामसखी देवी व महेंद्र राम की पत्नी सुषमा देवी बार-बार बेहोश हो रही थी. शहीद अजीत विश्वकर्मा के पिता चरितर विश्वकर्मा को जब डीजीपी ने दाह-संस्कार के लिए पैसे दिये, तो वे आंसू को रोक नहीं पाये.
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