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1…नि:शक्तों के प्रति नजरिया बदलने की जरूरत

1…नि:शक्तों के प्रति नजरिया बदलने की जरूरतविश्व विकलांगता दिवस पर विशेषलातेहार जिला में हैं आठ हजार से अधिक नि:शक्तआशीष टैगोर, लातेहारतीन दिसंबर को पूरे विश्व में नि:शक्तता दिवस मनाया जाता है. आंकड़े के अनुसार पूरे विश्व में 45 करोड़ से अधिक नि:शक्त हैं. भारत में नि:शक्तों की संख्या नौ करोड़ से अधिक है. हालिया सर्वे […]

1…नि:शक्तों के प्रति नजरिया बदलने की जरूरतविश्व विकलांगता दिवस पर विशेषलातेहार जिला में हैं आठ हजार से अधिक नि:शक्तआशीष टैगोर, लातेहारतीन दिसंबर को पूरे विश्व में नि:शक्तता दिवस मनाया जाता है. आंकड़े के अनुसार पूरे विश्व में 45 करोड़ से अधिक नि:शक्त हैं. भारत में नि:शक्तों की संख्या नौ करोड़ से अधिक है. हालिया सर्वे में लातेहार जिला में आठ हजार से अधिक नि:शक्त चिह्नित किये गये हैं. इसमें बच्चों की संख्या सबसे अधिक है. मूलत: नि:शक्तता का प्रमुख कारण कुपोषण, अशिक्षा, संक्रमण, गरीबी एवं मूलभूत चिकित्सीय अभाव बताया जाता है. नि:शक्तता को लेकर समाज में कई तरह की भ्रांतियां भी है. कई बार तो नि:शक्तों को उनके परिवार द्वारा ही तिरस्कृत किया जाता है. उसे वह सहयोग नहीं मिल पाता, जिसकी वह अपेक्षा करता है. आज जरूरी है कि नि:शक्तों के प्रति दया एवं सहानुभूति के बजाय उनसे सहज मानवीय दृष्टि एवं रचनात्मक व्यवहार किया जाये. नि:शक्तों को समुचित प्रोत्साहन एवं मार्गदर्शन मिले, तो वे खुद अपनी मंजिल तय करने की क्षमता रखते हैं. समाज में ऐसे कई उदाहरण भी हैं. योजनाओं की पूरी जानकारी मिलेन सिर्फ केंद्र व राज्य सरकार बल्कि स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा भी नि:शक्तों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चलायी जाती है. लेकिन जानकारी के अभाव में नि:शक्तों को इसका लाभ नहीं मिल पाता. इसके लिए जरूरी है कि जिला एवं प्रखंड मुख्यालय के अलावा पंचायत एवं गांव स्तर पर शिविर आयोजित कर नि:शक्तों को योजनाओं की जानकारी दी जाये. उन्हें सरलता से नि:शक्तता प्रमाण पत्र एवं अन्य सुविधाएं उपलब्ध करायी जाये. लातेहार जिला प्रशासन द्वारा शिविर आयोजित कर नि:शक्तों को योजनाओं की जानकारी दी जाती रही है. बावजूद सुदूरवर्ती इलाके में रहनेवाले नि:शक्त आज भी सरकारी सुविधा से महरुम हैं. नि:शक्तों के लिए है कई योजनाएंसामाजिक एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा नि:शक्तों को स्वरोजगार एवं पुनर्वास के लिए ऋण दिया जाता है. जिला समाज कल्याण विभाग द्वारा 40 प्रतिशत से अधिक नि:शक्त को स्वामी विवेकानंद प्रोत्साहन राशि दी जाती है. कल्याण विभाग द्वारा भी छात्रवृत्ति व कृत्रिम उपकरण दिये जाते हैं.

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