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यूजीसी अब तय करेगा कॉलेजों व विवि की रैंकिंग

यूजीसी अब तय करेगा कॉलेजों व विवि की रैंकिंग नेशनल इंस्टीट्यूशन रैंकिंग फ्रेमवर्क की लांचिंगसभी कॉलेजों, विवि व संस्थानों को कराना होगा रजिस्ट्रेशनwww.nirfindia.org पर रजिस्ट्रेशन शुरूसंजीव सिंहरांची : केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के निर्देश पर अब विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) सभी कॉलेजों, संस्थानों व विश्वविद्यालयों की रैंकिंग करेगा. अब तक इन कॉलेजों, संस्थानों व […]

यूजीसी अब तय करेगा कॉलेजों व विवि की रैंकिंग नेशनल इंस्टीट्यूशन रैंकिंग फ्रेमवर्क की लांचिंगसभी कॉलेजों, विवि व संस्थानों को कराना होगा रजिस्ट्रेशनwww.nirfindia.org पर रजिस्ट्रेशन शुरूसंजीव सिंहरांची : केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के निर्देश पर अब विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) सभी कॉलेजों, संस्थानों व विश्वविद्यालयों की रैंकिंग करेगा. अब तक इन कॉलेजों, संस्थानों व विवि की रैंकिंग निजी स्तर पर एजेंसी या पत्रिका आदि ही करती थी. इसके लिए नेशनल इंस्टीट्यूशन रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआइआरएफ) की लांचिंग की गयी है. इसमें विवि व महाविद्यालयों का मूल्यांकन विभिन्न मानदंडों के आधार पर किया जायेगा. साथ ही इसके आधार पर रैंकिंग की जायेगी. इसके लिए यूजीसी ने एनआइआरएफ वेबसाइट (www.nirfindia.org) उपलब्ध करायी है. संबंधित कॉलेजों, संस्थानों व विवि को इस वेब पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा. यूजीसी के अध्यक्ष प्रो वेद प्रकाश ने सभी कुलपति को पत्र भेज कर कहा है कि वे अपने क्षेत्राधिकार के कॉलेजों, संस्थानों व विवि द्वारा रजिस्ट्रेशन का कार्य सुनिश्चत करायें. इस पोर्टल में संबंधित कॉलेजों, संस्थानों व विवि को डाटा प्रस्तुत करने होंगे. रजिस्ट्रेशन का कार्य 23 नवंबर 2015 से आरंभ हो गया है. अध्यक्ष ने इस सत्र से डाटा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है, ताकि अगले सत्र से इन कॉलेजों, संस्थानों व विवि की राष्ट्रीय स्तर पर रैंकिंग की जा सके. अध्यक्ष ने कुलपति से इस सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर कार्य करने का निर्देश दिया है. इस प्रक्रिया में सभी केंद्रीय/ राज्य/ मानित/ निजी विवि को शामिल होने का निर्देश दिया गया है. रैंकिंग के लिए पांच कैटेगरी रखे गये हैं. प्रत्येक में 100 पूर्णांक रखे गये हैं. इसके तहत शैक्षणिक स्थिति, छात्र-शिक्षक अनुपात, रिसर्च, स्नातक/स्नातकोत्तर छात्र-छात्राअों की स्थिति, छात्राअों व महिला शिक्षकों की स्थिति, नि:शक्त, आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों की स्थिति व सुविधा, प्रयोगशाला, पुस्तकालय, शिक्षा पद्धति, परीक्षा पद्धति, पब्लिक परीक्षा की स्थिति, खेल, एक्स्ट्रा कैरिकुलर, स्थायी शिक्षकों की स्थिति, भवन की स्थिति, विद्यार्थियों की दी जानेवाली सुविधाएं आदि की जानकारी वेब पोर्टल के माध्यम से उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है. रैंकिंग के लिए इसी तरह के कई आंकड़े इंजीनियिरंग, फार्मेसी, मैनेजमेंट, आर्किटेक्चर संस्थानों के लिए भी निर्धारित किये गये हैं.

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