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भारतीय क्रिकेट अच्छी दिशा में आगे बढ़ रहा है : सचिन

भारतीय क्रिकेट अच्छी दिशा में आगे बढ़ रहा है : सचिन एजेंसियां, नयी दिल्लीसंन्यास लेने के दो साल बाद महान बल्लेबाज सचिन तेंडुलकर का मानना है कि भारतीय क्रिकेट ‘अच्छी दिशा’ में आगे बढ़ रहा है, लेकिन उन्होंने कहा कि अब भी सुधार की गुंजाइश है. सचिन से जब यह पूछा गया कि उनके संन्यास […]

भारतीय क्रिकेट अच्छी दिशा में आगे बढ़ रहा है : सचिन एजेंसियां, नयी दिल्लीसंन्यास लेने के दो साल बाद महान बल्लेबाज सचिन तेंडुलकर का मानना है कि भारतीय क्रिकेट ‘अच्छी दिशा’ में आगे बढ़ रहा है, लेकिन उन्होंने कहा कि अब भी सुधार की गुंजाइश है. सचिन से जब यह पूछा गया कि उनके संन्यास के बाद भारतीय क्रिकेट जिस दिशा में आगे बढ़ रहा है, उससे वह खुश हैं, तो उन्होंने कहा : हां, यह सही दिशा में आगे बढ़ रहा है. मुझे निश्चित तौर पर लगता है कि हमें बेहतर क्रिकेट खेलने की जरूरत है और सुधार की गुंजाइश है. जब तक भूख रहेगी, जब तक चीजें पटरी पर रहेंगी. इस महान बल्लेबाज ने ‘द वीक’ मैग्जीन को दिये साक्षात्कार में कहा : आप एकाग्रता नहीं तोड़ सकते, क्योंकि पूरा देश आपको देख रहा है. इस अपेक्षाओं पर खरा उतरना या इनके करीब पहुंचने के लिए आपको काफी प्रतिबद्धता की जरूरत पड़ती है. सचिन ने साथ ही इस धारणा को भी खारिज कर दिया कि भारत के मौजूद बल्लेबाज स्पिनर के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पार रहे हैं. उन्होंने कहा : नहीं मुझे ऐसा नहीं लगता. इंडियन प्रीमियर लीग से मदद मिली है. पहले खिलाड़ियों (विदेशियों) को भारत में खेलने का पार्यप्त समय नहीं मिलता था. अब प्रत्येक देश के चार या पांच शीर्ष खिलाड़ी या इससे भी अधिक आइपीएल का हिस्सा हैं. कोच भी भारत में काफी समय बिता रहे हैं और वे भारतीय हालात से सामंजस्य बैठा रहे हैं. सचिन ने पूछा : हमने डरबन और पर्थ में टेस्ट जीते. क्या इसका मतलब यह है कि दक्षिण अफ्रीकी और ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाजी के खराब खिलाड़ी हैं. इस 42 वर्षीय पूर्व महान बल्लेबाज ने कहा कि उनके जीवन की दूसरी पारी में पूरी तरह से संतुष्टि से संबंधित है. उन्होंने कहा : सबसे पहले चीजें लक्ष्य हासिल करने, मैच जीतने और टीम की जरूरत के मुताबिक काम करने से जुड़ी थी। मेरे जीवन का दूसरा चरण, दूसरी पारी पूरी तरह से संतुष्टि से संबंधित है. मैं वंचित लोगों के लिए कुछ करना चाहता हूं। मैं कुछ हद तक ऐसा करने में सफल रहा हूं और मैं काफी संंतुष्टि महसूस कर रहा हूं।” यह पूछने पर कि क्या क्रिकेट से अलग होने की भावना आ रही है, तेंदुलकर ने कहा, ‘‘नहीं, क्रिकेट से अलग होने की कोई भावना नहीं है. मैं हमेशा खेल से प्यार करता रहा हूं। मैं यह नहीं कह सकता कि नियमित तौर पर बैठकर सभी मैच देखता हूं लेकिन समय मिलने पर मैं इस पर नजर रखने का प्रयास करता हूं।” उन्होंने कहा, ‘‘अगर रोमांचक सत्र होता है तो मैं देखता हूं। जब मैं घर पर होता हूं तो अर्जुन और अंजलि मेरे साथ बैठते हैं और इस खेल को खेलने के कारण मुझे पता है कि क्या होने वाला है. इसको लेकर रोमांच रहता है कि क्या होने वाला है , बल्लेबाज कब आक्रमण करेगा, वह किन क्षेत्रों में आक्रमण करने के बारे में सोच रहा है और गेंदबाज कहां गेंद फेंकेगा।” तेंदुलकर ने कहा, ‘‘मैं ये चीजें उनके साथ साझा करता हूं। उस स्तर पर जुडना अब मुश्किल है क्योंकि अब मैं सक्रिय क्रिकेटर नहीं हूं लेकिन एक समय सक्रिय क्रिकेटर रहने के कारण जुडाव हमेशा रहता है.”

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