मनरेगा कार्यो पर जिलास्तरीय जन सुनवाई, डीसी ने कहा, मनरेगा के लिए
मेदिनीनगर : पलामू उपायुक्त मनोज कुमार ने कहा कि सामाजिक अंकेक्षण मनरेगा का एक महत्वपूर्ण अंग है. इसके माध्यम से मनरेगा के तहत ली गयी योजनाओं के क्रियान्वयन में हुई कमियों का पता चलता है.
मनरेगा सफल हो, इसके लिए जरूरी है कि उसके तहत किये गये कार्यो का सामाजिक अंकेक्षण किया जाये. डीसी श्री कुमार शनिवार को टाउन हॉल में आयोजित जिला स्तरीय मनरेगा के सामाजिक अंकेक्षण की जन सुनवाई में बोल रहे थे. इसके पूर्व उपायुक्त ने कार्यक्रम का उदघाटन दीप प्रज्वलित कर किया. मौके पर उपायुक्त श्री कुमार ने कहा कि सामाजिक अंकेक्षण द्वारा योजनाओं की अद्यतन स्थिति का पता चलता है.
साथ ही इसके क्रियान्वयन में कमी कहां रही है, इसका भी पता चलता है, जिसे दूर करने का अवसर भी मिलता है. मनरेगा बेहतर ढंग से प्रभावी हो, इसके लिए सरकार भी प्रयत्नशील है. जिले के पंचायत प्रतिनिधियों व पदाधिकारियों को भी चाहिए कि वह समन्वय बना कर मनरेगा को सफल बनाने के लिए सक्रियता के साथ कार्य करें. यह सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, इसके माध्यम से कई तरह की विकास योजनाएं संचालित होती है.
मनरेगा टू में पशुपालन आदि कार्यो को भी बढ़ावा दिया जायेगा. एक तरफ जहां मनरेगा से गांवों के विकास का काम होता है, वहीं दूसरी तरफ मजदूरों को रोजगार काअवसर मिलता है. जन सुनवाई में प्रखंड स्तर पर हुई जन सुनवाई की रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी. पंचायत प्रतिनिधियों ने विकास से जुड़ी कई समस्याओं को रखा.
उपायुक्त श्री कुमार ने कहा कि लंबित योजना को पूरा करने के बाद ही नयी योजना की स्वीकृत दी जानी चाहिए. ग्रामसभा से चयनित योजनाओं को ही स्वीकृति दी जायेगी. अक्सर यह देखा जाता है कि गांव में मनरेगा के तहत कई योजनाएं शुरू की गयी, मगर उसका काम पूरा नहीं हो पाया. इससे जहां गांवों का विकास अवरुद्ध होता है, वहीं यह समस्या भी सामने आती है कि विकास का काम तेजी से नहीं चल रहा है.
इसके लिए जरूरी है कि पहले लंबित योजना को पूरा करें, तब नयी योजना शुरू करें. मौके पर डीडीसी मुकुंद दास, मनरेगा के नोडल पदाधिकारी भागीरथ प्रसाद, जिला परिषद उपाध्यक्ष विनोद कुमार सिंह, बीडीओ आलोक कुमार के अलावा मुखिया, पंचायत सेवक, रोजगार सेवक आदि मौजूद थे.