केंद्र सरकार ने प्रस्ताव लौटाया, कहा, प्राक्कलन का पुनरीक्षण करें
मेदिनीनगर : शहरी वृहत जलापूर्ति योजना, फेज टू फिर से अधर में है. इसके निर्माण के लिए केंद्र की मंजूरी जरूरी थी. इसके बाद ही आवंटन प्राप्त होता. लेकिन राज्य सरकार के नगर विकास विभाग ने प्रस्ताव भेजने में देरी की.
इसके कारण इस योजना को मंजूरी नहीं मिल सकी. एक बार फिर यह मामला प्रक्रिया में उलझ गया है. विभागीय सूत्रों के मुताबिक अब फिर से प्राक्कलन का पुनरीक्षण होगा.
क्योंकि अब वित्तीय वर्ष बदल गया है. इसलिए केंद्र सरकार ने विलंब से भेजे गये प्रस्ताव को यह कह कर लौटा दिया है कि फिर से इस प्राक्कलन का पुनरीक्षण कर प्रस्ताव भेजें, ताकि नयी दर पर प्राक्कलन को मंजूरी दी जा सके. पूर्व में यह योजना 54 करोड़ रुपये की बनी थी. अब इसका पुन: प्राक्कलन तैयार होगा.
इस प्रक्रिया में छह माह से अधिक का समय लग सकता है. क्योंकि नगर विकास विभाग का जो प्रस्ताव था, उस पर केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम ने 35 बिंदुओं पर जांच एवं समावेश कर डीपीआर का प्राक्कलन पुनरीक्षण कर मांगा है.
इस संबंध में पेय जल एवं स्वच्छता विभाग के मुख्य अभियंता ने मेदिनीनगर पीएचइडी के अधीक्षण अभियंता, कार्यपालक अभियंता तथा नगर पर्षद के कार्यपालक पदाधिकारी को नयी शिड्यूल दर से डीपीआर का प्राक्कलन पुनरीक्षण बना कर भेजने का निर्देश दिया है. अभी तक इस पर काम भी शुरू नहीं हो पाया है.
कहा जा रहा है कि वर्ष 2014 में भी फेज टू की योजना पर काम शुरू होने की संभावना नहीं है, क्योंकि अक्तूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होना है. उसके बाद सरकार गठन की प्रक्रिया होगी. इसलिए अब उम्मीद की जा रही है कि वर्ष 2015 में ही शायद इस पर कोई काम हो.