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एक लाख में तय हुआ था सौदा

पत्नी ने ही अपराधियों के साथ मिल कर रची थी साजिश नौ जुलाई को शाहपुर किला में बुना गया था हत्या का जाल. पेशगी के तौर पर दिये गये थे छह हजार. पत्नी सहित चार गिरफ्तार. एक आरोपी गिरफ्त से बाहर. मेदिनीनगर : उपेंद्र चौहान की हत्या की साजिश रची गयी थी. उसकी पत्नी सरवरी […]

पत्नी ने ही अपराधियों के साथ मिल कर रची थी साजिश

नौ जुलाई को शाहपुर किला में बुना गया था हत्या का जाल. पेशगी के तौर पर दिये गये थे छह हजार. पत्नी सहित चार गिरफ्तार. एक आरोपी गिरफ्त से बाहर.

मेदिनीनगर : उपेंद्र चौहान की हत्या की साजिश रची गयी थी. उसकी पत्नी सरवरी चौहान ने ही साजिश रची थी. इसके लिए एक लाख में सौदा तय हुआ था. अग्रिम के तौर पर सरवरी ने छह हजार रुपये दिये थे. उसके बाद काम होने पर बाकी राशि देनी थी. नौ जुलाई को अपराधियों के साथ मिल कर शाहपुर किला में सरवरी ने हत्या की योजना बनायी थी. उसके बाद 14 जुलाई की शाम उपेंद्र को लेकर वह किराया का मकान खोजने शाहपुर गयी थी. इसी दौरान उपेंद्र पर गोली चलायी गयी थी. जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया था. उपेंद्र का इलाज रांची के रिम्स में चल रहा है. घटना के बाद सरवरी रिम्स में रह कर उपेंद्र का इलाज करा रही थी.

पुलिस ने इस पूरे मामले का उदभेदन किया है. इसमें सरवरी सहित चार लोगों को पकड़ा गया है. पुलिस उपाधीक्षक अजय कुमार ने पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इस मामले में शाहपुर के एजाज हजाम, गडन धोबी उर्फ एकबाल आलम, असगर मंसूरी और सरवरी चौहान को गिरफ्तार किया गया है. शूटर एजाज हजाम था. एजाज व गडन से सरवरी की मुलाकात असगर मंसूरी ने ही करायी थी.

पति के साथ हुई थी अनबन

सरवरी चौहान शाहपुर की रहने वाली है. उसकी पहली शादी राय खलारी के जाकिर हुसैन के साथ हुई थी. उसकी मौत के बाद उपेंद्र ने सरवरी से शादी की थी. सरवरी के पहले से दो बच्चे थे. जिन्हें वह अपनी मां के पास छोड़ कर उपेंद्र के साथ मुंबई चली गयी थी. दोनों करीब एक साल तक मुंबई में रहे. वहां उपेंद्र मोबाइल बनाने का काम करता था.

उपेंद्र चौहान मूलत: पलामू के पांडू का रहने वाला है. लेकिन वह राय खलारी में ही रहता था. मुंबई से लौटने के बाद दोनों चैनपुर थाना क्षेत्र के शाहपुर में आ गये. उसके बाद दोनों में अनबन हुई थी. उपेंद्र ने उसे छोड़ने की बात कही थी. इस पर सरवरी उसे रास्ते से हटाने के लिए परेशान थी. उसने जब असगर से संपर्क किया था, तब उसने हथियार की मांग की थी. तब असगर ने उसे आइडिया दिया था कि एजाज यह काम कर सकता है. उसके बाद सारी योजना तय हुई थी.

पुलिस ने गठित की थी टीम

पुलिस उपाधीक्षक अजय कुमार ने बताया कि मामले के उदभेदन के लिए पुलिस अधीक्षक वाइएस रमेश द्वारा टीम का गठन किया गया था. इस टीम में श्री कुमार के अलावा चैनपुर थाना प्रभारी संजय कुमार मालवीय, शहर थाना प्रभारी मनोज ठाकुर शामिल थे. इस टीम द्वारा 21 जुलाई को मुख्य शूटर एजाज हजाम एवं गडन धोबी उर्फ एकबाल हालम को शाहपुर से गिरफ्तार किया गया. दोनों आरोपियों के बयान के आधार पर सरवरी चौहान और असगर मंसूरी को पकड़ा गया. इस कांड के एक आरोपी सलमान उर्फ कांचा, जो नावाटोली का रहने वाला है, वह फिलहाल फरार है.

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