20 वर्षों से हो रही है भूमि की तलाश

शहर में कचरा फेंकने के लिए नहीं है निर्धारित स्थान मेदिनीनगर : मेदिनीनगर में आज भी कचरा फेंकने के लिए कोई निर्धारित स्थान नहीं है. पिछले 20 वर्षों से यहां कचरा ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए भूमि की तलाश की जा रही है. सरकार ने कचरा ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए वर्ष 2001 में तीन […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 17, 2019 2:00 AM

शहर में कचरा फेंकने के लिए नहीं है निर्धारित स्थान

मेदिनीनगर : मेदिनीनगर में आज भी कचरा फेंकने के लिए कोई निर्धारित स्थान नहीं है. पिछले 20 वर्षों से यहां कचरा ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए भूमि की तलाश की जा रही है. सरकार ने कचरा ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए वर्ष 2001 में तीन करोड़ रुपया उपलब्ध कराये थे.
उस समय यह कहा गया था कि यदि कचरा ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए शहर से बाहर सरकारी जमीन नहीं मिलती है तो उस परिस्थिति में रैयती जमीन का क्रय कर कचरा ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की व्यवस्था की जाये. जमीन मिलने के बाद इसके निर्माण पर होने वाले खर्च की राशि का आवंटन किया जाना था. मगर 20 वर्षों में न तो जमीन का क्रय हो सका और न ही सरकारी स्तर पर जमीन ही मिली. मामला आज भी अधर में लटका हुआ है.
लगभग दो साल पहले शाहपुर – गढ़वा मार्ग पर चक हरभोंगा में जमीन चिह्नित की गयी. जो जमीन चिह्नित की गयी उसमें जांच के दौरान यह पाया गया था कि गलत तरीके से उसकी जमाबंदी की गयी है. इसलिए प्रशासन ने जमाबंदी को रद्द कर उक्त भूमि को सरकारी कार्य के लिए देने का प्रस्ताव आयुक्त के माध्यम से राजस्व विभाग को भेजा था. लेकिन इस पर अभी तक कोई निर्णय नहीं हो सका है. विभागीय सूत्रों के अनुसार, इसे लेकर कई बार निगम द्वारा पत्राचार भी किया गया है, लेकिन अभी तक कोई सकारात्मक नतीजा सामने नहीं आया है.
शहर से थोड़ा बाहर कहीं भी फेंका जा रहा कचरा : मेदिनीनगर नगर पर्षद से प्रोमोट होकर मेदिनीनगर नगर निगम बन चुका है. शहर सुंदर व सुव्यवस्थित दिखे इसके लिए आमजनों का दबाव निगम पर है. निगम द्वारा सफाई अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन कचरा फेंकने के लिए कोई निर्धारित स्थान नहीं होने के कारण शहर से थोड़ा अलग (शाहपुर-गढ़वा मार्ग के बगल में गांधीपुर) कचरा गिरा दिया जा रहा है, जिससे लोगों में आक्रोश बढ़ रहा है.
जिला स्कूल के मैदान के पास डंप किया जा रहा कचरा : अभी शहर में नाला- नाली सफाई को लेकर विशेष अभियान चलाया जा रहा है. लेकिन जो कचरा निकल रहा है उसे जिला स्कूल के मैदान के पास डंप किया जा रहा है. लोगों का कहना है कि यह मैदान खेलने के साथ-साथ सुबह -शाम टहलने का एक स्थान भी है. जब यहां गंदगी रहेगी तो लोगों को परेशानी होगी. इसी तरह कई अन्य जगहों पर भी कचरा फेंका गया है जिससे लोगों को परेशानी हो रही है. इससे बीमारी फैलने का आशंका है. इसी तरह नगर पर्षद के जमाने में बड़ा तालाब व गिरिवर स्कूल के पास कचरा डंप कर दिया जाता था.
पलामू क्लब के पास जिस स्थल का उपयोग आज बस स्टैंड के रूप में हो रहा है, कभी वहां कचरा का ढेर लगा रहता था. जब इसका विरोध शुरू हुआ तो कचरा के ढेर को समतल कर उसका उपयोग स्टैंड के रूप में किया जाने लगा.
क्या कहते हैं पदाधिकारी : निगम के कार्यपालक पदाधिकारी विनीत कुमार का कहना है कि निगम का यह प्रयास है कि शहर साफ रहे, इसके लिए नियमित सफाई के साथ-साथ विशेष अभियान चलाया जा रहा है. आमजनों को चाहिए कि वह अपेक्षित सहयोग दें. जहां तक कचरा ठोस अपशिष्ट प्रबंधन का मामला है तो जमीन हस्तांतरित होने की इस दिशा में सक्रियता के साथ काम शुरू कर दिया जायेगा.

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