टाउन लीज के मुद्दे पर डीसी से मिला चेंबर का प्रतिनिधिमंडल
मेदिनीनगर : आखिर राहत की राजनीति के नाम पर कब तक आहत होते रहेंगे टाउन लीजधारी. सपने दिखाये जाते हैं. कहा जाता है पूरी सक्रियता के साथ लगे हैं, काम हो जायेगा. पर ऐसा होता नहीं. 10 वर्ष पहले से टाउन लीज के नाम पर चली राहत की राजनीति अब तो लीजधारियों को आहत करने लगी है.
इसका रास्ता निकलना जरूरी है मंत्री जी! चेंबर अध्यक्ष आनंद शंकर ने टाउन लीज के मुद्दे को लेकर राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री केएन त्रिपाठी के नाम खुला पत्र लिखा है. चेंबर अध्यक्ष श्री शंकर ने पत्र में लिखा है कि मंत्री महोदय ने टाउन लीजधारियों के कार्य के प्रति सक्रियता दिखायी. सलामी की दर घटे, इसके लिए भी प्रयास करने की घोषणा की. उनके इस जज्बे की सराहना चेंबर परिवार करता है. पर राहत के नाम पर पिछले 10 वर्ष से जो राजनीति चली, उससे लीजधारी पूरी तरह से आहत हो चुके हैं.
10 वर्ष पहले जब कैंप लगना था, तो उस समय श्री नामधारी ने फ्री होल्ड का सपना दिखाया. तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा को मार्मिक पत्र लिखा. जनता को राहत दें, आहत न करें मुंडा जी! कैंप स्थगित हो गया. राहत मिली नहीं. जब दूसरी बार लीज नवीकरण का उदघाटन हुआ, तो उस समय भी राहत के नाम पर टैक्स कम कराने की बात हुई है. पर ऐसा संभव नहीं दिख रहा है. जबकि पिछले 10 वर्ष में सलामी यथावत ही रही. जमीन की दर बढ़ गयी, जिसके कारण लीजधारियों पर अतिरिक्त बोझ ही बढ़ा. श्री शंकर ने अपील की है कि बेहतर यही होगा कि लीज नवीकरण के अलावा पलामू में और भी मुद्दे हैं, जिस पर राजनीति हो सकती है. यदि लीज नवीकरण के मसले को इससे मुक्त कर दिया जाता, तो उनकी दृष्टि में कम से कम 1632 लीजधारियों को राहत जरूरत मिलती और उनके अच्छे दिन लौटने की उम्मीद होती. श्री शंकर ने आशा जतायी है कि मंत्री चेंबर की मांग पर गौर करेंगे. साथ ही वैसे लीजधारियों के लिए मार्ग प्रशस्त करेंगे जो लीज नवीकरण कराना चाहते हैं.