मेदिनीनगर : शहर के होटल, लॉज और किराया पर मकान देने से पहले उसके बारे में जानना जरूरी है. पहचान पत्र के साथ-साथ होटल में ठहरने वाले व्यक्तियों के बारे में पूर्ण ब्योरा लिया जाये. इस मामले में पुलिस सजग हो गयी है.
पलामू के पुलिस अधीक्षक वाइएस रमेश ने कहा कि होटल में किस दिन कौन व्यक्ति आये, कुल कितने व्यक्ति ठहरे, इसके बारे में विस्तृत ब्योरा होटल संचालकों को तैयार करना होगा. उसकी जांच होगी. संभव है कि इस मामले में कभी पुलिस औचक निरीक्षण भी करे, ताकि यह पता चल सके कि वास्तविक स्थिति उपलब्ध कराये गये ब्योरा से मेल खाती है या नहीं. जो लोग लॉज या किराया पर मकान दे रहे हैं, उसके संदर्भ में भी कहा गया है.
एसपी श्री रमेश का कहना है कि किराया पर मकान देने से पहले उस व्यक्ति के बारे में बेहतर तरीके से जान लें. पहचान पत्र व उसके द्वारा उपलब्ध कराये गये ब्योरा की सत्यता भी जान लें, तभी किसी को रूम किराये पर दें. मालूम हो कि 21 मई को बारालोटा के शंकर लॉज से इंडियन मुजाहिदीन के दो आतंकी नुमान अंसारी व तौफीक अंसारी पकड़ा गया है. दोनों ने गलत पता दिया था. साथ ही अपना नाम भी गलत बताया था. पलामू पुलिस ने एनआइए की टीम के साथ छापामारी कर दोनों को पकड़ा था. इसके बाद यह कहा गया है कि लोग इस मामले को लेकर सजग रहें.
नेटवर्क के संबंध में मालूमात हासिल करेगी पुलिस : इंडियन मुजाहिदीन के दो आतंकी पलामू में पकड़े गये. इन आतंकियों ने मेदिनीनगर को क्यों चुना. इनकी मंशा क्या थी. अपने हिसाब से आतंकी क्या मेदिनीनगर को सेफ जोन मान रहे हैं.
इन सभी बिंदु पर जांच जारी है. पुलिस सूत्रों की मानें, तो पकड़े गये आतंकियों से इस संदर्भ में पूछताछ की गयी है. पलामू में इस आतंकी संगठन का नेटवर्क फैला है या नहीं है, या यह प्रारंभिक दौर था. इस पर भी पुलिस सक्रियता के साथ जांच करने में जुटी है. ताकि इसके बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिल सके. कार्रवाई के पहले दिन ही एसपी श्री रमेश ने कहा था कि स्थानीय स्तर पर भी जांच की जा रही है कि इनलोगों को पनाह देने वाला तो कोई नहीं है. वैसे यह कहा जा रहा है कि उत्तरप्रदेश, बिहार और छत्तीसगढ़ से सटा है पलामू. इसलिए इसे आतंकियों ने चुना होगा. तालाशी के दौरान उनलोगों के पास दिल्ली, राजस्थान,उत्तरप्रदेश, असम, पश्चिम बंगाल, बिहार आदि का नक्शा भी मिला था. पलामू से दो आतंकियों की गिरफतारी पलामू पुलिस के लिए एक बड़ी सफलता है.
होटल से बरामद हो चुका है उग्रवादियों का दस्तावेज : करीब आठ माह पहले शहर के होटल के एक कमरे से उग्रवादियों का दस्तावेज बरामद हुआ था. इसमें लातेहार के तत्कालीन उपायुक्त आराधना पटनायक के अपहरण की योजना का खुलासा हुआ था. तब पुलिस को सूचना मिली थी कि उग्रवादी होटल में ठहरे हैं. पुलिस जब वहां गयी तो पता चला कि वे लोग अभी कहीं बाहर गये हैं. जब काफी देर तक उग्रवादी वापस नहीं लौटे, तब पुलिस ने कमरे में तलाशी ली थी, उस दौरान कई दस्तावेज मिले थे. इसलिए अब पुलिस इस पूरे मामले में गंभीर होकर कार्ययोजना तैयार करने में जुटी है, ताकि ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके.