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एक माह से मध्याह्न् भोजन बंद

पाटन, पलामूः पाटन के शोले के जयनगर टोला में उत्क्रमित न्यू प्राथमिक विद्यालय में एक माह से मध्याह्न् भोजन (एमडीएम) बंद है. विद्यालय के प्रधानाध्यापक रामपति राम कहते हैं कि आवंटन नहीं है. इसलिए मध्याह्न् भोजन बंद हो गया. स्कूल का भी हाल अच्छा नहीं. गुरुवार को 9.40 बजे स्थिति यह थी कि स्कूल में […]

पाटन, पलामूः पाटन के शोले के जयनगर टोला में उत्क्रमित न्यू प्राथमिक विद्यालय में एक माह से मध्याह्न् भोजन (एमडीएम) बंद है. विद्यालय के प्रधानाध्यापक रामपति राम कहते हैं कि आवंटन नहीं है. इसलिए मध्याह्न् भोजन बंद हो गया. स्कूल का भी हाल अच्छा नहीं. गुरुवार को 9.40 बजे स्थिति यह थी कि स्कूल में सिर्फ 12 बच्चे थे. उसमें से चार बच्चे ऐसे थे, जिनका नामांकन स्कूल में नहीं है. आंकड़ों के मुताबिक इस विद्यालय में विद्यार्थियों की संख्या 68 है. लेकिन उपस्थिति यह बताने के लिए काफी है कि आखिर विद्यालय का हाल क्या है? विद्यालय में दो शिक्षक हैं. मध्याह्न् भोजन बंद है. इसलिए बच्चों की उपस्थिति कम हो रही है.

मेदिनीनगरः लेस्लीगंज प्रखंड के शाहद गांव के साहेब भुइयां की उम्र 80 वर्ष हो गयी है. पत्नी मलमनिया देवी 70 के आसपास है. दो बेटे हैं- विफन और मितल. दोनो बाहर काम करते हैं. घर में वृद्ध दंपती है. दोनो पेंशन की आस में हैं. पिछले पांच वर्षो में कई बार आवेदन लगा चुके हैं वृद्धा पेंशन के लिए. पर आज तक पेंशन नहीं मिली. साहेब भुइयां कहता है कि अब तो उम्मीद छोड़ चुके हैं. जो योजना चलती है, शायद वह उनलोगों के लिए नहीं है. बीबीसी मीडिया एक्शन, नयी दिल्ली द्वारा इस गांव को रेडियो सामुदायिक कार्यक्रम के लिए चुना है. गांव में जागरूकता कार्यक्रम चलता है. इसी कार्यक्रम के दौरान साहेब भुइयां ने अपनी पीड़ा बतायी. गांव वालों ने बताया कि यह समस्या सिर्फ साहेब की नहीं, बल्कि साहेब जैसे कई जरूरतमंद हैं, जिन्हें पेंशन की जरूरत है.

आंगनबाड़ी का चूल्हा ठंडा

पाटन, पलामूः चर्चा आंगनबाड़ी केंद्र की. शोले गांव में आंगनबाड़ी केंद्र 2 है. इस केंद्र में पोषाहार बनाने के लिए चूल्हा बना है. लेकिन उसे देख कर यह साफ लगता है कि कई महीनों से वह चूल्हा जला नहीं है. इस केंद्र के निरीक्षण के दौरान प्रखंड प्रमुख नंददेव मांझी ने पाया कि स्थिति बदहाल है. ग्रामीण तुलसी भुइयां ने कहा कि केंद्र नियमित खुलता नहीं. कभी-कभार सेविका,सहायिका द्वारा पोषाहार घर-घर भेज दिया जाता है. जयनगरा के पतरा टोला के आंगनबाड़ी केंद्र का भी निरीक्षण प्रमुख द्वारा किया गया. वहां भी ऐसी ही स्थिति देखी गयी. सेविका छुट्टी पर है. सहायिका कुंती देवी खाना बना रही थी. चार बच्चे केंद्र के बाहर खेल रहे थे. प्रमुख ने जब उपस्थिति पर सवाल उठाया, तो इस पर सहायिका ने सफाई दी कि जब खाना बन जाता है, तो बच्चे चले आते हैं. पर जो पोषाहार बन रहा था, उसे देखने से ही प्रमुख ने वास्तविक स्थिति की जानकारी ले ली. प्रमुख श्री मांझी ने कहा कि वह इस मामले की जानकारी वरीय अधिकारियों को देंगे.

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