मेदिनीनगर: पलामू पुलिस कुख्यात अपराधी सुजीत सिन्हा के गिरोह पर नकेल कसने के लिए व्यापक रणनीति तैयार की है.सुजीत सिन्हा गिरोह से जुड़े एक-एक व्यक्ति का प्रोफाइल पुलिस ने तैयार कर लिया है. कौन किस रूप में गिरोह के लिए काम कर रहा है इसकी भी पुख्ता जानकारी पुलिस के पास है. पलामू के पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत माहथा की माने तो सुजीत सिन्हा गिरोह से जुड़े अपराधियों की संख्या 30 से 35 के बीच है. चूंकि पलामू में यह गिरोह काफी दिनों से काम कर रही है. इसलिए इसके कुछ सदस्य पेशेवर हो चुके हैं. उन्हें तोड़ने के लिए यह जरूरी है कि व्यापक रणनीति बनायी जाये. रणनीति बनाकर ही इस गिरोह के जड़ पर वार किया जा सकता है.
इस बात को ध्यान में रखकर रणनीति तैयार की गयी है. यद्यपि एसपी श्री माहथा ने रणनीति का खुलासा तो नहीं किया, लेकिन इतना जरूर कहा आने वाले दिनों में पुलिस की कार्रवाई से लोगों को पता चल जायेगा कि पुलिस ने किस रणनीति के तहत गिरोह को तोड़ने का काम किया है. मालूम हो कि 14 अक्तूबर को शहर थाना से सटे पलामू एजेंसी दिन दहाड़े सुजीत सिन्हा गिरोह ने बम फेंका था. इस घटना में जो अपराधी शामिल थे, उनमें से एक की पहचान हरी तिवारी के रूप में की गयी है. अभी तक इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है.
एसपी का कहना है कि पुलिस निरंतर छापामारी कर रही है. जल्द ही अपराधी पकड़े जायेंगे. चौतरफा अपराधियों को घेरने की कार्य योजना तैयार की गयी है. इस पर काम किया जा रहा है. पुरानी समस्या है, इसलिए निबटने में थोड़ा वक्त लग रहा है. लेकिन पुलिस अधीक्षक का कहना है कि जो भी काम हो रहा है, वह पूरी ठोस तरीके से हो रहा है. पूर्व में यहां तीन अपराधी गिरोह काम कर रही थी. डब्लू सिंह, विकास दुबे व सुजीत सिन्हा का गिरोह. लेकिन फिलहाल सुजीत सिन्हा गिरोह की सक्रियता पलामू पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई है.
पुलिस ने भी इस गिरोह की सक्रियता को चुनौती के रूप में लिया है और इस गिरोह के नेटवर्किंग से लेकर आर्थिक स्रोतों पर चोट करने के लिए काम करने में जुटी है.एसपी श्री माहथा की माने तो वह ऐसा माहौल बनाना चाहते हैं जिससे लोग गिरोह से जुड़े नहीं और दूसरा जो लोग जुड़े हुए हैं, उन पर कानून का शिकंजा इस रूप में कसा जाये कि वह फिर से गिरोह की तरफ मुड़कर न देख पाये. बरहाल मामला चाहे जो कुछ भी हो जिस तरह आठ अक्तूबर को सुजीत सिन्हा के एक सदस्य आकाश राय की गिरफ्तारी के बाद उसे पुलिस की सफलता के रूप में देखा गया था. उसके बाद 14 अक्तूबर की घटना ने निश्चित तौर पर पुलिस के समक्ष एक बड़ी चुनौती पेश कर दी है.