एक ही टोले में साल में दस बार गिरती है बिजली

बेतला : बरसात का मौसम शुरू होते ही केचकी गांव के महुराम टोला के लोग दहशत में रहते हैं. उनकी दहशत की वजह कोई उग्रवादी या अपराधी नहीं है, बल्कि वह डर रहे हैं प्रकृति की कोप से. इस टोले की सबसे बड़ी समस्या है, यहां लगातार हो रहा वज्रपात. पिछले तीन वर्षों में तीस […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 21, 2017 12:33 PM
बेतला : बरसात का मौसम शुरू होते ही केचकी गांव के महुराम टोला के लोग दहशत में रहते हैं. उनकी दहशत की वजह कोई उग्रवादी या अपराधी नहीं है, बल्कि वह डर रहे हैं प्रकृति की कोप से. इस टोले की सबसे बड़ी समस्या है, यहां लगातार हो रहा वज्रपात. पिछले तीन वर्षों में तीस बार से अधिक इस टोले में वज्रपात हुआ. और जब भी बिजली गिरती है तो कुछ न कुछ नुकसान जरूर होता है. रात में सोने के वक्त बरसात शुरू हो गयी तो पूरी रात दहशत में गुजरती है, न जाने किसके साथ क्या हो जाये. जब किसी तरह रात गुजरजाती है तो लोग सुकून महसूस करते हैं. टोले के अधिकांश लोग किसान हैं. हर किसान की यह चाहत होती है कि बारिश हो. लेकिन महुराम टोला के किसान बारिश शुरू होते ही सहम उठते हैं.
केचकी का महुराम टोला लगभग 60 घरों का है. इसमें आदिवासी व दलित परिवार के लोग रहते हैं. टोले में महुआ के कई पुराने पेड़ हैं. टोला जाने के बाद यह पेड़ से हराभरा दिखता है. लेकिन बरसात का पानी जहां पेड़ों में हरियाली लेकर आता है उसके साथ दहशत का भी संदेश लाता है.
वज्रपात से अब तक जो हुआ है नुकसान : 17 जुलाई-2017 को केचकी गांव के महुराम टोला में वज्रपात से 50 वर्षीय जयराम सिंह की मौत हो गयी थी. जबकि कुलदीप सिंह की पत्नी रत्नी देवी घायल हो गयी. इसी साल 19 जून को जब बरसात की पहली बारिश हुई तो उस दौरान बिजली गिरने से टोले के छात्रा मनीषा कुमारी की मौत हो गयी थी. टोले के लोग बताते हैं कि पिछले तीन साल में कई लोग घायल भी हुए है. वहीं बिजली गिरने से दो दर्जन से अधिक मवेशी की मौत हो चुकी है. वहीं टोले में लगे दर्जनों पेड़ जल चुके हैं. टोले के लोग कहते हैं कि यह समस्या पिछले दस वर्षों से बनी हुई है.
सरकार के संज्ञान में लाया जायेगा मामला : हरेकृष्ण
मनिका विधायक हरेकृष्णा सिंह के समक्ष गांव वालों ने गुहार लगायी. गुरुवार को विधायक श्री सिंह गांव गये थे. अपनी समस्या सुनाते उनके समक्ष ग्रामीण रो पड़े. कहने लगे कि विधायक जी जो समस्या है उसे दूर करें, लेकिन सबसे पहले किसी तरह उनलोगों की जान बचा दें. बेमौत मर रहे हैं. दस साल से वे लोग प्रकृति की कोप को झेल रहे हैं पर कोई सुनने वाला नहीं है. इस पर विधायक श्री सिंह ने कहा कि इस मामले को वह सरकार के समक्ष रखेंगे. वैज्ञानिकों की विशेष टीम गांव आकर अध्ययन करें इसके लिए वह विभागीय मंत्री से बात करेंगे. जरूरत पड़ने पर इस पूरे मामले की जानकारी वह मुख्यमंत्री के समक्ष भी रखेंगे.

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