अच्छी खबर : पाकुड़ के मानिकापाड़ा गांव में ग्रामीणों के कड़े नियम से अब तक कोरोना संक्रमण की नहीं हुई इंट्री, गांव में आवागमन है सीमित

Jharkhand News (पाकुड़) : एक और जहां बड़ी आबादी वैश्विक महामारी कोरोना से परेशान हैं, वहीं झारखंड में एक ऐसा गांव भी है जहां अब तक कोरोना संक्रमण ने दस्तक नहीं दी है. यह है पाकुड़ जिले का मानिकापाड़ा गांव. यह गांव अब तक ग्रामीणों की जागरूकता और सतर्कता से कोराेना संक्रमण से बचा हुआ है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 16, 2021 1:26 PM

Jharkhand News (सानू दत्ता, पाकुड़) : एक और जहां बड़ी आबादी वैश्विक महामारी कोरोना से परेशान हैं, वहीं झारखंड में एक ऐसा गांव भी है जहां अब तक कोरोना संक्रमण ने दस्तक नहीं दी है. यह है पाकुड़ जिले का मानिकापाड़ा गांव. यह गांव अब तक ग्रामीणों की जागरूकता और सतर्कता से कोराेना संक्रमण से बचा हुआ है.

मानिकापाड़ा गांव पाकुड़ जिले के सदर प्रखंड अंतर्गत मानिकापाड़ा पंचायत के तहत आता है. इस गांव की जनसंख्या करीब 6000 है. मुस्लिम बहुल इस गांव को कोरोना संक्रमण की पहली लहर हो या फिर दूसरी लहर, अब तक अपनी चपेट में नहीं ले पाया है.

बाहर से आनेवाले प्रवासी की पहले होती है कोरोना जांच

कोरोना संक्रमण को देखते हुए ग्रामीणों ने गांव में प्रवेश को लेकर कड़े नियम बनाये हैं. गांव के अधिकांश लोग रोजगार के लिए अन्य प्रदेशों की ओर रूख करते हैं. वह वापस आने पर खुद ही काेरेंटिन हो जाते हैं. साथ ही बाहर से आनेवाले प्रवासी की पहले कोरोना जांच करायी है. तभी इस गांव में इंट्री मिलती है. इस नियम के कारण गांव पहली लहर में भी कोरोना संक्रमण से अछूता रहा था. यह नियम अब भी जारी है.

Also Read: Jharkhand Mini Lockdown : झारखंड में 16 मई से सख्ती बढ़ी, पहले दिन 1.20 लाख को मिला E- Pass, जानें किसको मिली छूट और किसमें बढ़ी सख्ती
कोरोना प्रोटोकॉल का पालन अब भी है जारी

पिछले साल गांव को ग्रामीणों ने खुद ही सील कर दिया था. नतीजा यह रहा कि बीते साल इस गांव में एक भी कोरोना के मरीज नहीं मिले. अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने के बाद भी ग्रामीणों ने अपने बनाये गये नियमों की अनदेखी नहीं की. अब काेरोना संक्रमण की दूसरी लहर में खतरा अधिक है, तो ग्रामीण अब भी कोरोना प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन करते हैं.

कोरोना से जंग में सतर्कता ही हथियार

मानिकापाड़ा पंचायत के प्रधान (मुखिया) कौशर अली कहते हैं कि कोराेना काल में इस क्षेत्र में बहुत सारे प्रवासी आये और गये. लेकिन, इस गांव से अब तक एक भी कोरोना संक्रमित का नहीं मिलना बड़ी बात है. गांव के लोगों ने खुद ही गाइडलाइन तैयार की है. साथ ही इसका लगातार पालन भी कर रहे हैं. कोरोना से जंग में बचाव और सतर्कता ही सबसे बड़ा हथियार है. इसे लेकर सब कोई लगातार सतर्कता बरतें और दूसरों को भी सावधान रहने को कहें.

वास्तव में काबिले तारीफ हैं मानिकापाड़ा गांव के ग्रामीण : सिविल सर्जन

वहीं, पाकुड़ के सिविल सर्जन डॉ रामदेव पासवान ने कहा कि मानिकापाड़ा गांव की इतनी बड़ी आबादी में अगर ऐसा है, तो यह गांव वास्तव में काबिले तारीफ है. उन्होंने कहा कि खुद भी ग्रामीणों से बात कर जानना चाहेंगे कि आखिर उन्होंने कौन सा हथियार अपनाया कि अभी तक यह गांव कोरोना संक्रमण से दूर है. इस हथियार को अन्य जगहों में भी पालन कराया जायेगा और लोगों को इस गांव के बारे में बताया जायेगा.

Posted By : Samir Ranjan.

Next Article

Exit mobile version