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चमोली हादसे में झारखंड के मजदूर का मिला शव, जानें पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार कैसे हुई उसकी मौत

इधर, राज्य सरकार ने मृत विक्की भगत समेत 13 लापता मजदूरों के लिए एनटीपीसी से मुआवजे की मांग से की है. इसके लिए आवश्यक दस्तावेज एनटीपीसी को सौंप दिये गये हैं. जिन लापता मजदूरों के मुअावजे की मांग की गयी है, उनमें रामगढ़ के चार, लोहरदगा के आठ और बोकारो का एक मजदूर शामिल है. इधर, विक्की के शव मिलने के बाद बेटहट गांव में गम का माहौल है. परिजनों के आंसू थम नहीं रहे हैं. लोगों कि उम्मीद थी कि यहां से गये सभी आठ लोग सुरक्षित लौट आयेंगे, लेकिन विक्की का शव मिलने के बाद लोग अब विचलित होने लगे हैं.

Jharkhand News, Lohardaga News, jharkhand Uttarakhand disaster news update रांची : उत्तराखंड के चमोली में हुए हादसे में लोहरदगा के मजदूर विक्की भगत (26 वर्ष) की मौत हो गयी. कंट्रोल रूम की ओर से इसकी जानकारी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को दी गयी है. लोहरदगा के किस्को प्रखंड के बेटहट गांव निवासी करमदास उरांव के पुत्र विक्की का शव 17 फरवरी को चमोली में मिला है. विक्की का शव तपोवन जल विद्युत परियोजना की निर्माणाधीन सुरंग से निकाला गया. चमोली गये करमदास ने अपने पुत्र के शव की पहचान की. वहीं, झारखंड के 13 मजदूर अब भी लापता हैं.

इधर, राज्य सरकार ने मृत विक्की भगत समेत 13 लापता मजदूरों के लिए एनटीपीसी से मुआवजे की मांग से की है. इसके लिए आवश्यक दस्तावेज एनटीपीसी को सौंप दिये गये हैं. जिन लापता मजदूरों के मुअावजे की मांग की गयी है, उनमें रामगढ़ के चार, लोहरदगा के आठ और बोकारो का एक मजदूर शामिल है. इधर, विक्की के शव मिलने के बाद बेटहट गांव में गम का माहौल है. परिजनों के आंसू थम नहीं रहे हैं. लोगों कि उम्मीद थी कि यहां से गये सभी आठ लोग सुरक्षित लौट आयेंगे, लेकिन विक्की का शव मिलने के बाद लोग अब विचलित होने लगे हैं.

29 मजदूर सही सलामत लौटे :

रिपोर्ट के अनुसार, चमोली हादसे के बाद 29 मजदूर सकुशल झारखंड लौट आये हैं. इनमें लातेहार के 10, बोकारो के तीन, रामगढ़ के सात, जामताड़ा के सात और हजारीबाग के दो मजदूर शामिल हैं.

  • लोहरदगा के करमदास उरांव का पुत्र था विक्की भगत, निर्माणाधीन सुरंग से निकाला गया मजदूर का शव

सुरंग में कई दिनों तक जीवित था विक्की

चमोली के डॉक्टर की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, विक्की भगत सुरंग में कई दिनों तक जीवित था. पांच दिन पूर्व ही उसकी मौत हुई है. गौरतलब हो कि विक्की भगत ने ही 21 जनवरी 2021 को सभी मजदूरों को एनटीपीसी पावर प्रोजेक्ट में काम करने के लिए ले गया था.

लापता मजदूरों के परिजन अब भी चमोली में रुके हैं

चमोली हादसे के 12 दिन बीत जाने के बाद भी लापता मजदूरों के परिजन चमोली में रुके हैं. लोहरदगा से श्रम अधीक्षक धीरेंद्र महतो के साथ पांच लोग उत्तराखंड गये हैं. उन लोगों ने बताया कि अन्य लापता मजदूरों की भी पहचान जल्द होने की संभावना है. परिवार के सदस्यों की मौजूदगी में शव की पहचान करायी जा रही है. शव की पहचान के लिए उत्तराखंड प्रशासन द्वारा परिवार के सदस्यों का डीएनए सैंपल लिया गया है, जिससे शवों की पहचान की जा रही है.

Posted By : Sameer Oraon

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