Jharkhand News : भाई दूज व गोवर्धन पूजा का उल्लास, बहनों ने की भाइयों की लंबी उम्र की कामना

शहरी क्षेत्र के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में भी भाई दूज व गोधन पूजा को लेकर पूरा उत्साह दिखा. सुबह से ही बहनें इसकी तैयारी में जुटी थीं. बहनों ने भाइयों की लंबी उम्र की कामना की. इस दौरान मिठाई की दुकानों में भी भीड़ देखी गई.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 6, 2021 4:27 PM

Jharkhand News, लोहरदगा/गढ़वा न्यूज (गोपी कुंवर/विनोद ठाकुर) : झारखंड के लोहरदगा एवं गढ़वा समेत सभी जिलों में पूरे उल्लास के साथ भाई दूज व गोवर्धन (गोधन) पूजा की गयी. सुबह से ही पूजा को लेकर बहनें तैयारी कर रही थीं. बहनों ने पूजा कर अपने भाइयों की लंबी आयु की कामना की. इसके बाद भाइयों ने बहनों को उपहार भेंट किया.

लोहरदगा जिले में भाई दूज उत्साह के साथ मनाया गया. बहनों ने भाइयों की लंबी उम्र की कामना की. बहनों ने पहले सामूहिक रूप से गोधन पूजा की और जीभ पर रेंगनी का कांटा चुभोकर भाइयों की दुख-तकलीफ को हरण करने की मंगल कामना की. इसके बाद बहनों ने भाइयों के माथे पर चंदन का तिलक लगाकर उनकी आरती उतारी. भाइयों ने बहनों को उपहार भेंट किया. लोहरदगा जिले के शहरी क्षेत्र के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में भी भाई दूज पूरे उत्साह के साथ मनाया गया. सुबह से ही बहनें इसकी तैयारी में जुटी थीं. भाई दूज को लेकर मिठाइयों की दुकानों में भी भीड़ देखी गई.

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झारखंड के गढ़वा जिले में भी भाई दूज का उत्साह दिखा. अनुमंडल मुख्यालय सहित आस पास के क्षेत्रों में भाई की लंबी उम्र के लिए बहनों ने हर्षोल्लास के साथ शनिवार को गोधन पूजा की. इस त्यौहार में जितना उत्साह बहनों में दिखा, उतने ही भाई भी उत्साहित दिखे. पूजा के बाद भाइयों ने अपनी बहनों को उपहार दिया. बहनों ने अपने-अपने घरों में परंपरागत रूप से गायों की पूजा की तथा पूरी आस्था के साथ यम व यमिनी की आकृति बनाकर गोधन कूटा.

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पूजा के दौरान बहनों ने गोधन कूटा और प्रसाद भाइयों को खिलाया. बहनों ने भाई दूज का पर्व मना कर पूजा के दौरान रुई से बनाई हुई माला को भाइयों के हाथों व गला में पहनाया. इस दौरान पर्व से जुड़े पारंपरिक गीत भी गाईं. गोवर्धन पूजा के बारे में मान्यता है कि देवराज इंद्र का घमंड तोड़ने के लिए श्री कृष्ण ने इंद्र की पूजा करने की जगह गोवर्धन पर्वत की पूजा की थी. टोले-मुहल्ले की महिलाएं एक जगह एकत्रित होकर इस पर्व को मनायीं.

Posted By : Guru Swarup Mishra

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