शहरी क्षेत्र के लोगों को भी नहीं मिल रहा पीने का पानी

लोहरदगा : शहरी क्षेत्र में पेयजलापूर्ति बाधित रहने से शहरी क्षेत्र में पानी के लिए हाहाकर मचा हुआ है. पहले चार-पांच दिनों में जलापूर्ति की जाती थी. लेकिन इधर लगभग एक महीने से 10-15 दिनों के अंतराल में जलापूर्ति की जा रही है. जो शहरवासियों के लिए न काफी साबित हो रहा है. शहरी क्षेत्र […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 18, 2019 12:54 AM

लोहरदगा : शहरी क्षेत्र में पेयजलापूर्ति बाधित रहने से शहरी क्षेत्र में पानी के लिए हाहाकर मचा हुआ है. पहले चार-पांच दिनों में जलापूर्ति की जाती थी. लेकिन इधर लगभग एक महीने से 10-15 दिनों के अंतराल में जलापूर्ति की जा रही है. जो शहरवासियों के लिए न काफी साबित हो रहा है. शहरी क्षेत्र के सभी वार्ड क्षेत्रों में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है.

पानी के लिए परेशान शहरवासी नगर परिषद से पानी की मांग कर रहे हैं. लेकिन गंभीर समस्या के प्रति भी जनप्रतिनिधि उदासीन बने हुए है़ं ऐसे में लोगों के समक्ष वैकल्पिक व्यवस्था करने के अलावा कोई उपाय नहीं रह गया है. किसी तरह लोग अपनी जरूरत के पानी की जुगाड़ में लग रह रहे हैं. नगर परिषद द्वारा जल कर के नाम पर यहां के लोगों से टैक्स वसूला जाता है लेकिन सुविधा नदारत है.

नगर परिषद क्षेत्र के लोगों को टैंकर से पानी देने की व्यवस्था की गयी है जो पर्याप्त नहीं है. सूत्र बताते हैं कि नगर परिषद के पास न तो टैंकर उपलब्ध है और न ही टैंकर को खींचने के लिए ट्रैक्टर का इंजन. नगर परिषद के पास दो ट्रैक्टर इंजन और 19 वाटर टैंकर है. 22 वार्डों में यह सुविधा लोगों को पानी देने के लिए पर्याप्त नहीं है.
समस्या विकराल है बावजूद इसके जलापूर्ति की पहल काफी धीमी है. कई वार्ड क्षेत्रों में चार-पांच दिनों से जलापूर्ति नहीं हो सकी है. शहरी क्षेत्र में 26 सौ जलापूर्ति के वैध कनेक्शन है. जबकि पांच हजार से ज्यादा अवैध कनेक्शनधारी भी हैं. शहरी क्षेत्र में प्रतिदिन साढ़े पांच लाख गैलन पानी की आवश्यकता है, जो सीमित टैंकर से संभव नहीं है. 70 हजार की आबादी के लिए यह व्यवस्था न के बराबर है.

Next Article

Exit mobile version