भीषण गर्मी के कारण सूखी दक्षिण कोयल नदी, जल संकट गहराया

कुड़ू : तपती गर्मी के बाद प्रखंड क्षेत्र में जलस्त्रोत सूख गये हैं. दक्षिण कोयल नदी, कई नदियां, तालाब, कुआं के सूखने से प्रखंड क्षेत्र में पेयजल संकट गहरा गया है. पीने के पानी की जुगाड़ में आमजन भटक रहे हैं. शहरी जलापूर्ति योजना से शहरी क्षेत्र के लोगों को किस्तों में पानी मिल पा […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 18, 2019 12:54 AM

कुड़ू : तपती गर्मी के बाद प्रखंड क्षेत्र में जलस्त्रोत सूख गये हैं. दक्षिण कोयल नदी, कई नदियां, तालाब, कुआं के सूखने से प्रखंड क्षेत्र में पेयजल संकट गहरा गया है. पीने के पानी की जुगाड़ में आमजन भटक रहे हैं. शहरी जलापूर्ति योजना से शहरी क्षेत्र के लोगों को किस्तों में पानी मिल पा रहा है.

दूसरी तरफ विभाग पूरी तरह से खामोश बैठा है. बताया जाता है कि तपती गर्मी के कारण प्रखंड में जलस्तर काफी नीचे चला गया है. जलस्तर नीचे जाने से चापाकल जवाब दे रहें हैं. कुआं, नदी का जलस्त्रोत भी सूख गया है. दक्षिण कोयल नदी के सूखने से जहां शहरी जलापूर्ति योजना बाधित हो गयी है इससे प्रखंड के मसियातू से लेकर ककरगढ़ तक पेयजल की समस्या उत्पन्न होत्यी है. प्रखंड क्षेत्र में पीएचइडी विभाग ने आमजनों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के उद्देश्य से 1400 चाद्कल लगाया है.

इसके अलावा लगभग 16 लाख की लागत से 13 स्थानों पर मिनी जलापूर्ति योजना के तहत एक हजार गैलन क्षमता वाला जलमीनार तथा सोलर सिस्टम लगाया गया है. इसके अलावा एक दर्जन स्थानों पर बेकार पड़े चापाकल में लगभग चार लाख रुपये की लागत से मशीन डाल कर जलापूर्ति योजना पर काम किया गया है. मिनी जलापूर्ति योजना से लेकर शहरी जलापूर्ति योजना तथा सोलर आधारित जलापूर्ति योजना बाधित हो गयी है.

पीने का पानी जुगाड़ करने में ग्रामीणों के पसीने छूट रहे हैं लेकिन विभाग आमजनों की समस्या से बेपरवाह बन तमाशाबीन बना हुआ है. इस संबध मे पीएचइडी विभाग के कनीय अभियंता सुखन खालखो ने बताया कि सभी खराब पड़े चापाकलों को दुरुस्त किया जा रहा है. पानी की समस्या नहीं होने दी जायेगी.

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