एक बाइपास सड़क भी नहीं बनी, प्रतिदिन होती है दुर्घटनाएं

लोहरदगा : लोहरदगा को जिला का दर्जा 17 मई 1983 को प्राप्त हुआ. जिला बनने के बाद लोगो में काफी उम्मीदें थी. लोगों को लग रहा था कि अब लोहरदगा जिला विकास के मार्ग में सरपट दौड़ेगा, लेकिन जिले वासियों का दुर्भाग्य रहा कि यहां कोई वैसा जनप्रतिनिधि नहीं हुआ, जो लोगों की परेशानियों को […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 15, 2019 1:05 AM

लोहरदगा : लोहरदगा को जिला का दर्जा 17 मई 1983 को प्राप्त हुआ. जिला बनने के बाद लोगो में काफी उम्मीदें थी. लोगों को लग रहा था कि अब लोहरदगा जिला विकास के मार्ग में सरपट दौड़ेगा, लेकिन जिले वासियों का दुर्भाग्य रहा कि यहां कोई वैसा जनप्रतिनिधि नहीं हुआ, जो लोगों की परेशानियों को समझे और उनकी समस्याओं का निदान कर सके. अधिकारी आते गये और नौकरी कर चले गये.

समस्याएं ज्यों की त्यों बनी रही. यही कारण है कि लोहरदगा में आज तक एक बाइपास सडक का निर्माण नहीं हो सका है. बाइपास सडक नहीं होने के कारण प्रतिदिन बॉक्साइट लदे हजारों ट्रक शहर से गुजरते हैं. हर वक्त सड़क जाम रहती है. सड़क दुर्घटनाओं में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हुई है.

दुर्घटना रोकने के लिए बाइपास सड़क बनाने की बजाये लोगों को सड़क सुरक्षा की जानकारी दी जाती है. स्थिति यह है कि लोहरदगा शहर में बड़े से बड़े वाहन आते है और इसी मार्ग से गुजरते है. एक तो यह शहर पूरी तरह प्रदूषण की चपेट में आ गया है. वर्तमान समय में राशि की कमी बतायी जा रही है.

बाइपास सड़क के लिए इसके पूर्व नगर परिषद द्वारा कार्य आरंभ कराया गया था. लाखों रुपया व्यय भी किया गया, लेकिन बाईपास सड़क का निर्माण नहीं हुआ. इसी तरह अभी बक्सीडिपा होते बाइपास सडक निर्माण के लिए प्रक्रिया शुरू की गयी, लेकिन काम थोड़ा आगे बढ़ते ही बंद करा दिया गया. पूछने पर बताया जाता है कि पैसा नहीं है.

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