काश! चुनाव के बाद भी समाज सेवा का यही जज्बा होता

लोहरदगा : नगर परिषद चुनाव की घोषणा के पूर्व क्षेत्र में चुनावी सरगर्मी तेज हो गयी है. संभावित उम्मीदवार अभी से ही अपने जीत-हार का आकलन करने में जुट गये है. समाज सेवा करनेवालों की फौज नजर आने लगी है. लोग खुद को समाज के लिए समर्पित शो करने के हर हथकंडे अपना रहे है. […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 16, 2018 9:05 AM
लोहरदगा : नगर परिषद चुनाव की घोषणा के पूर्व क्षेत्र में चुनावी सरगर्मी तेज हो गयी है. संभावित उम्मीदवार अभी से ही अपने जीत-हार का आकलन करने में जुट गये है. समाज सेवा करनेवालों की फौज नजर आने लगी है. लोग खुद को समाज के लिए समर्पित शो करने के हर हथकंडे अपना रहे है. चाहे किसी की गैर आर्थिक मदद हो, या फिर कोई और मामला हो.
लोग बिना बुलाये पहुंच रहे है. दुआ-सलाम से आगे लोग लगातार बढ़ने के फिराक में लगे है. अभी किसी के घर में बड़े-बुजुर्गों का देहांत हो रहा है, तो शोक व्यक्त करनेवालों में अधिक संख्या संभावित प्रत्याशियों देखे जा रहे है. अंतिम यात्रा में भी इन लोगों की संख्या काफी देखी जा रही है. शोक संतप्त परिवार के लोग भले ही इनमें से अधिकांश चेहरों को नहीं पहचानते हैं, लेकिन वे लोग सेवा का कोई मौका नहीं छोड़ना चाह रहे है.
लोग चौक-चौराहों पर चर्चा कर रहे है कि काश यही स्थिति चुनाव के बाद भी रहती, तो कितना अच्छा होगा.
नगर परिषद के कुल 23 वार्ड हैं और अध्यक्ष का पद अनुसूचित जनजाति महिला के लिए आरक्षित है, ऐसे में सामान्य वर्ग के लोगों का रूझान उपाध्यक्ष पद पर देखा जा रहा है. दलगत चुनाव की घोषणा के बाद राजनीतिक दल के छोटे-बड़े सभी कार्यकर्ता खुद को उपाध्यक्ष का उम्मीदवार बताने से नहीं थक रहे है. कुछ पुराने नेता अपने परिजनों को अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए भी आगे करने में जुटे है. ऐसे लोग खुद को पार्टी का समर्पित नेता बता रहे है, जबकि पार्टी में उनकी क्या योगदान रही है, ये किसी को पता नहीं है.
ठंड के इस मौसम में लोहरदगा शहर में चुनावी तपिश लगातार बढ़ती जा रही है. लोग चाय-पान की दुकानों में चुनाव को लेकर ही चर्चा कर रहे है. नगर में व्याप्त समस्याओं पर भी चर्चा हो रही है.
जिन इलाकों में बिजली नहीं पहुंची है, उन इलाकों में सौभाग्य योजना के तहत बिजली पहुंचायी जा रही है. प्राचीन विक्टोरिया तालाब की दुर्दशा को देख कर संभावित उम्मीदवार दुखी होने लगे है. उनका कहना है कि अंग्रेजों के जमाने के इस तालाब की रक्षा करना हमारा दायित्व है और हमें यदि नगर की सेवा का मौका मिला, तो निश्चित रूप से इस तालाब की तस्वीर बदल देंगे.
शहर की जर्जर सड़कों, नालियों की स्थिति ने भी लोगों को द्रवित कर रखा है. सभी लोग जनता की सेवा का एक मौका चाह रहे है. जनता इंतजार कर रही है कि कब चुनाव की घोषणा हो और उन्हें ऐसे लोगों से राहत मिले, जो सुबह-शाम विकास की बात कर-कर के उन्हें बोर कर रहे है.

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