झारखंड में हर दिन अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाले के आ रहे मामले, अब लातेहार में करीब 87 लाख रुपये की हुई अवैध निकासी

Jharkhand news, Latehar news : झारखंड में अल्पसंख्यक छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति राशि सही छात्रों को ना मिलकर दूसरे लोग हड़प रहे हैं. राज्य के कई जिलों से हर दिन छात्रवृत्ति घोटाले की जानकारी मिल रही है. धनबाद, गढ़वा, गुमला के बाद अब लातेहार में भी छात्रवृत्ति घोटाले का खुलासा हुआ है. लातेहार जिले के महुआडांड प्रखंड के 3 विद्यालय के 808 प्री मैट्रिक अल्पसंख्यक छात्रों के नाम पर फर्जी तरीके से 86 लाख 45 हजार 600 रुपये का छात्रवृत्ति घोटाला कर राशि निकाल ली गयी. इस मामले में डीसी अबु इमरान ने त्वरित संज्ञान लेते हुए 3 सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 25, 2020 5:41 PM

Jharkhand news, Latehar news : लातेहार (चंद्रप्रकाश सिंह) : झारखंड में अल्पसंख्यक छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति राशि सही छात्रों को ना मिलकर दूसरे लोग हड़प रहे हैं. राज्य के कई जिलों से हर दिन छात्रवृत्ति घोटाले की जानकारी मिल रही है. धनबाद, गढ़वा, गुमला के बाद अब लातेहार में भी छात्रवृत्ति घोटाले का खुलासा हुआ है. लातेहार जिले के महुआडांड प्रखंड के 3 विद्यालय के 808 प्री मैट्रिक अल्पसंख्यक छात्रों के नाम पर फर्जी तरीके से 86 लाख 45 हजार 600 रुपये का छात्रवृत्ति घोटाला कर राशि निकाल ली गयी. इस मामले में डीसी अबु इमरान ने त्वरित संज्ञान लेते हुए 3 सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया है.

डीसी श्री इमरान ने बताया कि महुआडांड अनुमंडल पदाधिकारी नित निखिल सुरीन, जिला कल्याण पदाधिकारी विष्णु प्रसाद पंडित तथा एलडीएम शांती प्रकाश टोप्पो को पूरे मामले की जांच करने का निर्देश दिया गया है. तीनों अधिकारी महुआडांड जाकर मामले की जांच करेंगे. इसमें कितने लोग शामिल हैं और किनके माध्यम से छात्रवृत्ति की राशि की निकासी हो रही है इस पूरे मामले की जांच करने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने कहा कि राज्य स्तर पर भी एसीबी मामले की जांच कर रही है. जरूरत पड़ने पर जिला में उच्च स्तरीय टीम से जांच करायी जायेगी.

क्या है मामला

कल्याण विभाग द्वारा एनपीएस योजना के तहत अल्पसंख्यक एवं आदिवासी छात्रों को दी जानेवाली प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति को लेकर महुआडांड प्रखंड में शैक्षणिक वर्ष 2019-20 में 1090 विद्यार्थियों को इस योजना का लाभ दिया गया है. इनमें रेसिडेंसिल पब्लिक स्कूल (आरपीएस), अल जमेतुल इस्लामिया तथा बीएमसी मकतब ऐसे विद्यालय हैं, जहां नामांकित छात्र संख्या के अनुपात में छात्रवृत्ति पाने वाले छात्रों की संख्या अधिक है. बीएमसी मकतब में मात्र 39 बच्चे नामांकित हैं, लेकिन इस विद्यालय के 256 बच्चों का नाम जोड़कर फर्जी तरीके से छात्रवृत्ति दी गयी.

Also Read: बेटे ने दिव्यांग मां को भीख मांगने के लिए सड़क पर छोड़ा तो सीएम हेमंत ने लिया संज्ञान, वृद्धा आश्रम में पनाह के साथ व्हील चेयर भी कराया उपलब्ध

इसके अलावा 2 निजी स्कूलों में ‘नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल’ के जरिये अल्पसंख्यक छात्रों को मिलनेवाली छात्रवृत्ति में भी फर्जीवाड़ा किया गया है. इन विद्यालयों में रेसिडेंसिल पब्लिक स्कूल (आरपीएस) एवं अल जमेतुल इस्लामिया है. अल जमेतुल इस्लामिया के 293 एवं आरपीएस के 259 कथित विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति का लाभ फर्जी तरीके से दिया गया है.

इस संबंध में रेसिडेंसिल पब्लिक स्कूल के संचालक ओमप्रकाश ने बताया कि फर्जीवाड़ा कहा से हुई है हमें इसकी जानकारी नही है. वहीं, बीएमसी मकतब की शिक्षिका आशा माधुरी मिंज ने बताया कि हमारे विद्यालय में इतने बच्चों का नामांकन नहीं है. दूसरी ओर, अल जमेतुल इस्लामिया के संचालक अमजद अली ने कहा कि कहा से फर्जीवाड़ा हुई है यह पता नहीं है. मालूम हो कि एनपीएस योजना के तहत 10वीं कक्षा के विद्यार्थियों को छात्रावास में रहने के दौरान 10,700 रुपये बतौर छात्रवृत्ति दी जाती है. यह राशि केंद्र सरकार वहन करती है.

Posted By : Samir Ranjan.

Next Article

Exit mobile version