27.2 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

Jharkhand News : लातेहार का नवाटोली गांव जहां एक ही जगह इंसान और जानवर दोनों बुझाते हैं अपनी प्यास

Jharkhand News, Latehar News : झारखंड- छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती क्षेत्र का एक गांव है नवाटोली गांव. इस गांव में पेयजल की सुविधा नहीं होने के कारण ग्रामीण और जानवर एक ही जलस्त्रोत से अपनी प्यास बुझाते हैं. यह जलस्त्रोत है चुआड़ी. इसी चुआड़ी के भरोसे नवाटोली गांव के ग्रामीण जानवर दोनों हैं.

Jharkhand News, Latehar News, लातेहार (वसीम अख्तर) : लातेहार जिला के महुआडांड़ प्रखंड अंतर्गत नवाटोली गांव में इंसान और जानवर एक ही जलस्रोत से अपनी प्यास बुझाते हैं. यह सिलसिला पिछले कई वर्षों से चल रहा है. प्रखंड मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर झारखंड- छत्तीसगढ के सीमावर्ती क्षेत्र ओरसा पंचायत के नवाटोली गांव में विकास के तमाम दावे आज भी फेल है. आदिवासी बहुल इस गांव में आज भी लोग अपने जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

झारखंड- छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती क्षेत्र का एक गांव है नवाटोली गांव. इस गांव में पेयजल की सुविधा नहीं होने के कारण ग्रामीण और जानवर एक ही जलस्त्रोत से अपनी प्यास बुझाते हैं. यह जलस्त्रोत है चुआड़ी. इसी चुआड़ी के भरोसे नवाटोली गांव के ग्रामीण जानवर दोनों हैं.

नवाटोली गांव में 42 घर है जिसकी आबादी करीब 300 है. गांव के लोग पेयजल के लिए पूरी तरह से चुआंड़ी पर निर्भर हैं. गांव में वर्ष 2019 में एक चापाकल लगाया गया था जिसमे सोलर एनर्जी से चलने वाला टंकी लगाया गया. पठारी इलाका होने के कारण उस चापानल से लाल व कम तथा दूषित पानी निकलता है. मजबूरी में ग्रामीणों ने उसी चुआड़ी को पत्थर से घेर कर सुरक्षित कर दिया है और अब इसी के पानी का उपयोग कर रहे हैं.

Also Read: Valentine Day 2021 : झारखंड के नेतरहाट की फिजाओं में आज भी गूंज रही गड़ेरिया व अंग्रेज अफसर की बेटी मैग्नोलिया की अमर प्रेम कहानी
चापाकल से निकलता है लाल व दूषित पानी, इस कारण चुआड़ी पर हैं निर्भर : ग्रामीण

ग्रामीण तुंबी नगेसिया, संगीता नगेसिया, फगुना नगेसिया व कुंवर नगेसिया ने संयुक्त रूप से कहा कि गांव में अगर 2- 3 कुआं होता, तो वे दूषित पानी पीने को मजबूर नहीं होते. गांव में चापाकल लगाया गया था, लेकिन लाल और दूषित पानी निकलने के कारण वह पीने लायक नहीं है. विवश होकर लोगों को चुआड़ी का पानी ही पीना पड़ता है. उन्होंने कहा कि चुआड़ी खुले में होने के कारण गांव के पशु भी अपनी प्यास उसी से बुझाते हैं.

जल्द होगी पेयजल की व्यवस्था : दिलीप टुडू

इस संबंध में प्रखंड विकास पदाधिकारी दिलीप टुडू ने कहा कि पठार क्षेत्र होने के कारण चापाकल पूरी तरह सफल नहीं होता है. कई बार चापाकल के लिए बोरिंग कराया गया, लेकिन वह बेकार हो गया. गांव में पेयजल के लिए कुआं स्वीकृत कर बहुत जल्द पेयजल की व्यवस्था करा दिया जायेगा.

Posted By : Samir Ranjan.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें