29.5 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

लातेहार में है एक ऐसा सरकारी स्कूल, जहां एक शिक्षिका गढ़ रही 138 बच्चों का भविष्य

लातेहार जिले के महुआडांड़ प्रखंड में एक ऐसा सरकारी स्कूल है, जो सरकारी सिस्टम की ही मार झेल रहा है. स्थिति ऐसी है कि यहां एक शिक्षिका 138 बच्चों का भविष्य गढ़ रही हैं. यह सरकारी स्कूल है राजकीयकृत मध्य विद्यालय चुटिया.

लातेहार जिले के महुआडांड़ प्रखंड में एक ऐसा सरकारी स्कूल है, जो सरकारी सिस्टम की ही मार झेल रहा है. स्थिति ऐसी है कि यहां एक शिक्षिका 138 बच्चों का भविष्य गढ़ रही हैं. यह सरकारी स्कूल है राजकीयकृत मध्य विद्यालय चुटिया. यहां 138 बच्चे नामांकित हैं. इनका भविष्य एक शिक्षिका के भरोसे छोड़ दिया गया है.

दो में एक शिक्षक सस्पेंड

प्राप्त जानकारी के अनुसार पहले दो शिक्षक थे, लेकिन आठ महीने से एक शिक्षक सस्पेंड हैं. बच्चे क्या पढ़ते होंगे, इसका अंदाज़ा इस बात से लगा सकता है. स्कूल की एकमात्र शिक्षिका को महीने में अनेकों बार मीटिंग, चावल का उठाव, गुरूगोष्टी और बिल जमा करने प्रखंड मुख्यालय बीआरसी कार्यालय में आना पड़ता है. इस दौरान बच्चे स्कूल तो आते है, किंतु मध्याह्न भोजन करा उन्हें घर भेज दिया जाता है.

Also Read: Exclusive: सब्सिडी देकर झॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री को अपाहिज न बनायें, सुमित सचदेवा ने सरकार से की ये डिमांड

तीन भवन पर दो की हालत जर्जर

मध्य विद्यालय चुटिया में कक्षा एक से लेकर कक्षा 8 तक की पढ़ाई होती है. परिसर में तीन भवन हैं, लेकिन इसमें एकमात्र भवन बेहतर है. चार कमरे हैं. एक को स्टाफ रूम बनाया गया है तो दूसरे में कक्षा छह से आठ तक के बच्चे बैठते हैं. तीसरे कमरे में कक्षा 5 एवं 4 के बच्चों को बैठाया जाता है. कक्षा 1 से 3 के बच्चों को बरामदे में बैठाया जाता है. इस वर्ष विद्यालय का भवन रंग रोगन भी नहीं हुआ है, जबकि विद्यालय समिति के खाता में कई दिनों से पैसा आकर पड़ा हुआ है.

पानी का टंकी भी फट गया

विद्यालय परिसर भवन के बाहर एक चापाकल है, जिसमें 14वें वित्तीय योजना से सोलर एनर्जी से चलने वाला मोटर और जलमीनार लगाया गया है. नल द्वारा बच्चे पानी पीते हैं. पानी टंकी को पत्थर मारकर फाट दिया गया है. मध्याह्न भोजन के बाद बच्चों को पानी पीने में बहुत परेशानी हो रही है.

Also Read: धनबाद में 332 करोड़ की लागत से बन रही आठ लेन सड़क, दुकानदार कर लगे हैं अवैध कब्जा

मध्याह्न भोजन न मिले तो बच्चे स्कूल भी न आये

विद्यालय की रसोईया बताती हैं कि हर दिन लगभग 80 बच्चे स्कूल आते हैं. शिक्षिका जिस दिन मीटिंग में जाती है, उस दिन बच्चे भोजन बनने तक परिसर में खेलते हैं फिर भोजन करा कर इन्हें छुट्टी दे दी जाती है. कापू के कई ग्रामीणों ने कहा पढ़ाई नहीं होती है. ग्रामीणों का कहना है कि अगर स्कूल में खाना न मिले तो बच्चे स्कूल के दरवाज़े तक न आयें.

एक शिक्षक फरवरी से सस्पेंड

विद्यालय की शिक्षिका रोश भालवेट टोप्पो ने कहा कि शिक्षक की कमी हर विद्यालय में है. पहले दो शिक्षक थे तो विद्यालय संभल जाता था. फरवरी से किसी कारण एक शिक्षक सस्पेंड हैं. अभी किसी को पदस्थापित किया नहीं गया है. इस कारण कई बच्चे स्कूल छोड़ चुके हैं. हालांकि बीएलओ के कार्य से मुझे मुक्त रखा गया है लेकिन चावल उठाव, गुरूगोष्टी एवं बिल मिंटिग में शामिल होने मुझे ही महुआडांड़ जाना पड़ता है. समय नहीं होने से भवन का रंग रोगन भी नही करा पायी हूं. विद्यालय से बीआरसी कार्यालय की दूरी 9 किलोमीटर है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

अन्य खबरें