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Jharkhand: गुमला में लैंपस से किसानों को नहीं मिल रहा बीज, अधिक कीमत दे बाजार से खरीदने को मजबूर किसान

गुमला लैंपस से किसानों को धान बीज नहीं मिल रहा है. किसान धान बीज लेने के लिए रोजाना गुमला के खड़ियापाड़ा रोड में संचालित लैंपस में पहुंच रहे हैं. परंतु लैंपस में बीज उपलब्ध नहीं होने के कारण किसान बिना बीज लिए ही वापस लौट जा रहे हैं.

Gumla News: गुमला लैंपस से किसानों को धान बीज नहीं मिल रहा है. किसान धान बीज लेने के लिए रोजाना गुमला के खड़ियापाड़ा रोड में संचालित लैंपस में पहुंच रहे हैं. परंतु लैंपस में बीज उपलब्ध नहीं होने के कारण किसान बिना बीज लिए ही वापस लौट जा रहे हैं. कई किसान ऐसे भी हैं, जो लैंपस में बीज नहीं मिलने के कारण खुले बाजार में संचालित खाद-बीज दुकानों से धान बीज खरीद रहे हैं. खुले बाजार में धान बीज की कीमत अधिक है. जिससे किसानों का आर्थिक बोझ भी बढ़ रहा है.

खाली हाथ लौटीं महिला किसान

खोरा जामटोली की कुछ महिला किसान धान बीज लेने के लिए गुमला लैंपस पहुंची थी. लैंपस में महिला किसानों को पता चला कि धान बीज नहीं है. जिससे महिला किसानों को निराशा हाथ लगी. महिला किसान बासी देवी ने बताया कि वह हर साल अपने खेतों में 25 किग्रा धान बीज की खेती करती है. हर साल वह गुमला लैंपस से बीज लेती है. परंतु इस बार लैंपस से बीज नहीं मिल रहा है. उन्होंने बताया कि खुले बाजार में धान बीज काफी महंगा है. इसलिए लैंपस के भरोसे ही रहते हैं. लैंपस में एक नंबर, दो नंबर एवं डांड़ खेत में खेती करने के लिए सरकारी कीमत पर बीज मिलती है. परंतु खुले बाजार में 160 से 200 रुपये तक महंगी बीज मिलती है. करमी देवी ने बताया कि वह अपने खेतों में 20 किग्रा धान बीज की खेती करती है. खेती करने के लिए गुमला लैंपस से अनुदान पर बीज मिल जाता है. परंतु इस बार बीज लेने के लिए लैंपस पहुंचे तो वहां पता चला कि बीज खत्म हो गया है. यदि जल्द ही लैंपस से बीज नहीं मिलता है तो खुले बाजार से अधिक कीमत पर बीज लेना पड़ेगा.

बीज न मिलने धान की खेती में किसान हो रहे पीछे

महिला किसान बंधैन देवी ने बताया कि हमलोग धान की खेती में पीछे हैं. अभी तक तक हमारा बिचड़ा तैयार हो जाता. परंतु पर्याप्त बारिश के अभाव में अभी तक बिचड़ा भी तैयार नहीं कर पाये हैं. हर साल लैंपस से धान बीज ले जाते हैं. परंतु इस बार लैंपस में धान बीज नहीं मिला. गांव में कई लोग बिचड़ा तैयार कर लिये हैं. अब वे बारिश का इंतजार कर रहे हैं. ताकि धानरोपनी कर सके. शांति देवी ने बताया कि हर साल गुमला लैंपस से धान बीज लेते हैं. इस बार लेने आये पता चला कि बीज खत्म हो गया है. बरसात धोखा दे ही रही है. अब लैंपस भी धोखा देने का काम कर रहा है. सही से पानी नहीं बरसने के कारण अभी तक धान बीज नहीं बो पाये हैं. यदि समय पर बीज नहीं बोते हैं तो धान की खेती प्रभावित होगी.

किसानों को समय पर बीज उपलब्ध करायें

मिशन बदलाव के जीतेश मिंज ने डीसी गुमला से किसानों को समय पर खरीफ फसलों का बीज उपलब्ध कराने की मांग की है. इस संबंध में जीतेश मिंज ने डीसी को ज्ञापन सौंपा है. जीतेश मिंज ने बताया कि हर साल लैंपस के माध्यम से किसानों को सरकारी दर पर धान, मक्का सहित विभिन्न प्रकार के दलहन एवं तेलहन फसल का बीज उपलब्ध कराया जाता रहा है. परंतु इस बार किसान पिछले कई दिनों से लैंपस का चक्कर लगा रहे हैं. इसके बावजूद किसानों को लैंपस से बीज नहीं मिल पा रहा है. अभी तत्काल में किसानों को धान बीज की जरूरत है. परंतु लैंपस में धान बीज उपलब्ध नहीं है. जिस कारण किसान खुले बाजार में ऊंचे कीमत पर धान बीज खरीद रहे हैं. इससे किसानों का आर्थिक बोझ भी बढ़ रहा है.

क्या कहते हैं सक्षम अधिकारी

एक महीने पहले 80 क्विंटल धान बीज मंगाये थे. सभी बीज का बिक्री हो चुका है. अभी लैंपस में बीज उपलब्ध नहीं है. किसान बीज लेने के लिए लैंपस तो आ रहे हैं. बीज उपलब्ध नहीं होने के कारण किसानों को बीज नहीं दे पा रहे हैं. जल्द ही बीज उपलब्ध हो जायेगा.

इलियाजर मिंज, अध्यक्ष, गुमला लैंपस

झारखंड सरकार के पास गुमला जिला के किसानों के लिए खरीफ फसलों के बीज की कमी नहीं है. लैंपस संचालक बीज मंगा रहे हैं. परंतु बीज जल्द ही खत्म हो जा रहा है. लैंपस संचालकों को बीज मंगाने हेतु ड्राफ्ट डालने के लिए निर्देशित किया गया है. लैंपस में जल्द ही बीज उपलब्ध हो जायेगा.

अशोक कुमार सिन्हा, जिला कृषि पदाधिकारी, गुमला

रिपोर्ट: जगरनाथ पासवान

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