1984 के दंगा पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए सुनवाई में तेजी लाने की अपील, झारखंड राज्यपाल, सीएम और आयोग को लिखा पत्र

Jharkhand News, Jamshedpur News, जमशेदपुर (पूर्वी सिंहभूम) : ऑल इंडिया सिख स्टूडेंट्स फेडरेशन के राष्ट्रीय महासचिव सतनाम सिंह गंभीर ने कहा कि झारखंड हाईकोर्ट ने आयोग को आदेश दिया था कि महीने में कम से कम दो बार सुनवाई करनी है. 1984 के सिख विरोधी दंगा एवं हत्याकांड संबंधी लंबित मामलों की न्यायालय से और जिला पुलिस मुख्यालय से मामलों के अभियोजन संबंध में भी जानकारी लेनी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 24, 2021 4:06 PM

Jharkhand News, Jamshedpur News, जमशेदपुर (पूर्वी सिंहभूम) : ऑल इंडिया सिख स्टूडेंट्स फेडरेशन (All India Sikh Students Federation) के राष्ट्रीय महासचिव सतनाम सिंह गंभीर ने 1984 दंगा पीड़ित न्यायिक आयोग को पीड़ितों को न्याय दिलाने के संबंध में पत्र लिखा है. पत्र में आयोग के समक्ष बिंदुवार तथ्य रखे हैं. सतनाम सिंह गंभीर ने कहा कि जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए झारखंड हाईकोर्ट के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह ने दंगा पीड़ितों को इंसाफ दिलाने के लिए एक सदस्य आयोग गठन करने का आदेश झारखंड सरकार को दिया था. हाईकोर्ट के आदेशानुसार, झारखंड सरकार ने सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति डीपी सिंह की अध्यक्षता में एक सदस्यीय आयोग का गठन किया था.

ऑल इंडिया सिख स्टूडेंट्स फेडरेशन के राष्ट्रीय महासचिव सतनाम सिंह गंभीर ने कहा कि झारखंड हाईकोर्ट ने आयोग को आदेश दिया था कि महीने में कम से कम दो बार सुनवाई करनी है. 1984 के सिख विरोधी दंगा एवं हत्याकांड संबंधी लंबित मामलों की न्यायालय से और जिला पुलिस मुख्यालय से मामलों के अभियोजन संबंध में भी जानकारी लेनी है.

झारखंड में 1984 दंगाें से जुड़े तकरीबन 1000 से अधिक मामले होंगे. इनमें से कुछ सरकार एवं पुलिस विभाग के संज्ञान में लाये भी गये हैं, जिन पर अब तक कुछ ठाेस कार्रवाई नहीं की गयी है. कुछ मामलों में प्रभावित लोगों को एक रुपया का भी आर्थिक सहायता नहीं मिली है. एक सदस्यीय आयोग में सुनवाई का क्रम काफी धीमा है. ऐसे में पीड़ित लोगों को इंसाफ मिलने में तो कई साल लग जायेंगे.

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सतनाम सिंह गंभीर ने आयोग काे पत्र में कहा कि वे खुद भी यह एहसास कर रहे होंगे कि इस धीमी सुनवाई से पीड़ितों को न्याय एवं इंसाफ मिल पाना संभव नहीं है. उन्होंने आग्रह किया कि महीने में 2 सुनवाई की बजाये दिन प्रतिदिन अथवा सप्ताह में 3 दिन सुनवाई होनी आवश्यक है. ऐसा किया जाने से मामलों का त्वरित निपटारा हो सकेगा.

श्री गंंभीर ने आयाेग मामलों के शीघ्र निपटारा के लिए सुनवाई के दिनों की संख्या बढ़ाये, सरकार से लिखित आवेदन कर आधारभूत संरचना उपलब्ध कराने की मांग संबंधी पत्र भी लिखा है. अपेक्षित कार्रवाई के लिए याचिकाकर्ता सतनाम सिंह गंभीर ने राज्यपाल, मुख्य न्यायाधीश झारखंड, मुख्यमंत्री, सचिव को भी पत्र भेज कर जानकारी दी है.

Posted By : Samir Ranjan.

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