यूपीएससी में 132वां रैंक लाने वाले सन्नी ने नौकरी की नीरसता से ढूंढी नयी राह, पढें क्या कहा

जमशेदपुर: यूपीएससी में 132वां रैंक लाने वाले सन्नी राज ने वर्ष 2011 में एनआटी जमशेदपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी की थी. पिछले वर्ष यूपीएससी में उनका रैंक 368वां था. वर्तमान में वे आइआरएस (इंडियन रिवेन्यू सर्विसेज) में ट्रेनिंग ले रहे हैं. इससे पूर्व एनआइटी में कैंपस के जरिये उनका चयन आइओसीएल के लिए […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 1, 2017 8:10 AM
जमशेदपुर: यूपीएससी में 132वां रैंक लाने वाले सन्नी राज ने वर्ष 2011 में एनआटी जमशेदपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी की थी. पिछले वर्ष यूपीएससी में उनका रैंक 368वां था. वर्तमान में वे आइआरएस (इंडियन रिवेन्यू सर्विसेज) में ट्रेनिंग ले रहे हैं. इससे पूर्व एनआइटी में कैंपस के जरिये उनका चयन आइओसीएल के लिए हुआ और उनकी पहली पोस्टिंग असम के बोनगाइगांव में हुई. वे बताते हैं कि करीब एक साल काम करने के बाद ही उन्हें यह लगने लगा कि आने वाले सालों में उनके लिए कुछ भी नया नहीं होने वाला है. अगले 20-25 सालों तक इसी तरह की नौकरी उन्हें करती रहनी पड़ेगी.

इस सोच ने मुझे बेचैन कर दिया, खासकर उस जगह पर जहां साल में दो से तीन महीने कफ्र्यू लगी होती है. आप महारत्न वाली कंपनी में होने के कारण अच्छा कमा तो लेते हैं, लेकिन उसे खर्च करने की कोई जगह नहीं होती. मुझे जल्द लगनेे लगा कि मुझमें अभी पढ़ने की इच्छा बाकी है और मैं अपनी उम्र और परिस्थिति को देखते हुए अपनी ऊर्जा को किसी और उत्पादक दिशा की ओर ले जा सकता हूं.

मैंने इंजीनियरिंग सर्विसेज के लिए तैयारी शुरू की, लेकिन दो महीने के बाद मुझे दिल्ली के कुछ दोस्तों ने यूपीएससी की तैयारी करने की सलाह दी. जिसके बाद मैंने यूपीएससी के सिलेबस को पूरी तरह देखा और नियमित तौर पर अंग्रेजी अखबार पढ़ने लगा. इस तरह एक नये क्षेत्र में मेरा प्रवेश हुुआ और मेरी नौकरी से संतुष्टि की तलाश एक तरह से पूरी हुई. इस पूरे दौरान मुझे मेरे परिवार का भरपूर साथ मिला. मेरे पिता पटना में कैनरा बैंक में काम करते हैं और मेरी छोटी बहन मेघा मेरे लिए हमेशा सबसे मजबूत पिलर की तरह बनी रही.