जमशेदपुर: किसी तरह के नये खदानों के आवंटन पर रोक के निर्णय को नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल (राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण) ने बरकरार रखा है. एनजीटी में हुुई सुनवाई के दौरान रोक हटाने को लेकर किसी तरह का आदेश पारित नहीं किया गया. वहीं अपने आदेश में जस्टिस एसएन वांगड़ी और पर्यावरण मामलों के जानकार प्रोफेसर डॉ पीसी मिश्रा ने संयुक्त रूप से कहा है कि झारखंड सरकार की ओर से स्टेट इनवायरमेंट इंपैक्ट एसेसमेंट ऑथोरिटी (सिया) की ओर से अधिवक्ता भानु कुमार ने अपना पक्ष रखा है.
इसकी सुनवाई अगली तिथि में होगी. अगली सुनवाई की तिथि 20 जुलाई मुकर्रर की गयी है. इसी दिन इसकी सुनवाई होगी. इस बीच इसी आदेश में एनजीटी में कहा है कि नये नियमों के तहत सुप्रीम कोर्ट द्वारा दीपक कुमार को लेकर दिये गये आदेश का अनुपालन कराये और मिट्टी, मुरुम जैसे छोटे खनिजों का भी खनन कराने की इजाजत उसके तय मानकों के मुताबिक ही किया जाये.
दरअसल, दीपक कुमार के आदेश में कहा गया है कि राज्य सरकारें जब तक इन संशोधनों का सुप्रीम कोर्ट में परीक्षण नहीं होता, सरकार इसके आधार पर कोई नई माइनिंग लीज, क्वारी लाइसेंस, शॉर्ट टर्म परमिट न तो जारी करे और न ही नवीनीकरण करे. इसके अलावा जो पुराने लाइसेंस दिये गये है, उस लाइसेंस का अनुपालन कराने के लिए जो सख्त नियम तय किये गये है, उसका ही अनुपालन कराया जाये. इस दौरान कोर्ट में खनन विभाग की ओर से भी अपना पक्ष रखा गया था.
गौरतलब है कि एनजीटी ने नये खदान के आवंटन पर पूरी तरह से रोक लगा दी है. इस रोक के बाद से किसी तरह का नया खदान की मंजूरी नहीं दी जा रही है.