जमशेदपुर : झारखंड सरकार ने आदिवासी परंपरागत स्वशासन व्यवस्था के अंतर्गत आने वाले मानकी, मुंडा/ प्रधान अौर डाकुआ (संदेश वाहक) को प्रतिमाह मिलने वाली सम्मान राशि (मानदेय) को दोगुना कर दिया है. इसके लिए राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा संकल्प जारी किया गया है. पूर्व में मानकी को 1500, मुंडा/ ग्राम प्रधान को 1000 रुपये तथा डाकुआ को 500 रुपये सम्मान राशि के रूप में दिये जाते थे, जिसे दोगुना कर दिया गया है. अब मानकी को 3000 , मुंडा/ ग्राम प्रधान को 2000 रुपये अौर डाकुआ को 1000 रुपये प्रति माह किया गया है.
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मानकी को 3000, मुंडा प्रधान को मिलेंगे “2000
जमशेदपुर : झारखंड सरकार ने आदिवासी परंपरागत स्वशासन व्यवस्था के अंतर्गत आने वाले मानकी, मुंडा/ प्रधान अौर डाकुआ (संदेश वाहक) को प्रतिमाह मिलने वाली सम्मान राशि (मानदेय) को दोगुना कर दिया है. इसके लिए राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा संकल्प जारी किया गया है. पूर्व में मानकी को 1500, मुंडा/ ग्राम प्रधान को […]
जारी संकल्प के अनुसार पश्चिम सिंहभूम (चाईबासा) जिला के कोल्हान एवं पोड़ाहाट क्षेत्र के परंपरागत प्रशासन में मानकी, मुंडा अौर डाकुआ के अलावा अनेक ग्राम में प्रधान, डाकुआ की व्यवस्था है. इसी प्रकार संथाल परगना प्रमंडल में ग्रामीण प्रधानों की व्यवस्था है. गृह एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2016-17 तक मानकी को 15 सौ, मुंडा/ ग्राम प्रधान को 1 हजार रुपये तथा डाकुआ को पांच सौ रुपये प्रतिमाह भुगतान किया जाता था.
मुख्यमंत्री ने बजट अभिभाषण में राशि को दुगुना करने की घोषणा की थी तथा पूर्व की व्यवस्था को राजस्व विभाग द्वारा करने का निर्देश दिया गया था. वित्तीय वर्ष 2017-18 के गैर योजना बजट शीर्ष 20 करोड़ उपबंध कराया गया है.
सरकार ने आदिवासी परंपरागत स्वशासन व्यवस्था की सम्मान राशि दोगुनी की
पहले मानकी को 15 सौ, मुंडा/ ग्राम प्रधान को 1 हजार रुपये तथा डाकुआ को पांच सौ रुपये किया जाता था प्रतिमाह भुगतान
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