एमजीएम मेडिकल कॉलेज : आइटीडीए के परियोजना निदेशक ने डीसी को सौंपी जांच रिपोर्ट
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1. 23 करोड़ में खरीदी 5.62 लाख की किताब
एमजीएम मेडिकल कॉलेज : आइटीडीए के परियोजना निदेशक ने डीसी को सौंपी जांच रिपोर्ट एमसीआइ व अन्य मद से भी हुई 60 लाख की किताब की खरीद जमशेदपुर : एमजीएम मेडिकल कॉलेज में एससी-एसटी छात्र-छात्राअों के लिए किताब खरीद में वित्तीय अनियमितता के मामले में आइटीडीए के परियोजना निदेशक परमेश्वर भगत ने पिछले दिनों उपायुक्त […]
एमसीआइ व अन्य मद से भी हुई 60 लाख की किताब की खरीद
जमशेदपुर : एमजीएम मेडिकल कॉलेज में एससी-एसटी छात्र-छात्राअों के लिए किताब खरीद में वित्तीय अनियमितता के मामले में आइटीडीए के परियोजना निदेशक परमेश्वर भगत ने पिछले दिनों उपायुक्त अमित कुमार को जांच रिपोर्ट सौंप दी है. रिपोर्ट में कॉलेज में 147 एससी-एसटी विद्यार्थियों के लिए दो वित्तीय वर्ष ( 2013-14 एवं 2014-15 ) में 5, 62, 500 रुपये की 74 सेट किताब की खरीद 1 करोड़ 23 लाख में करने की बात कही गयी है.
साथ ही 75 लाख की किताब की जिस साल खरीद-आपूर्ति की गयी उस साल एमसीआइ एवं अन्य मद से कॉलेज में 60 लाख की किताब की खरीद की गयी थी. सौंपी जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों वर्षों तथा पूर्व के वर्षों में किताब की खरीद में जिला कल्याण विभाग द्वारा विभाग के आदेश का अनुपालन नहीं किया गया. जांच रिपोर्ट में तत्कालीन जिला कल्याण पदाधिकारी पर सवाल उठाये गये हैं.
क्या है मामला अौर जांच रिपोर्ट में क्या है : एमजीएम मेडिकल कॉलेज में एससी-एसटी विद्यार्थियों के लिए पठन-पाठन के लिए किताबों की खरीद में वित्तीय अनियमितता की शिकायत आने के बाद उपायुक्त ने 26 फरवरी 2016 को आइटीडीए के परियोजना निदेशक परमेश्वर भगत को जांच का जिम्मा दिया था. महालेखाकार अौर लोक लेखा समिति उठा चुकी है सवाल :नियम के विरुद्ध किताब की खरीद के संबंध में महालेखाकार द्वारा मार्च 2015 में किये गये अंकेक्षण के दौरान सवाल उठाया गया था. 7 मार्च को आयी लोक लेखा समिति ने किताब घोटाला में महालेखाकार द्वारा आपत्ति दर्ज करायी गयी थी.
एमजीएम मेडिकल कॉलेज में एससी-एसटी की किताब खरीद घोटाला
मुख्य बिंदु
एमजीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने सूचित किया कि पुस्तकालय के लिए 50 लाख रुपये की पुस्तकों की खरीद की गयी जो पुस्तक अधिकोष से भिन्न योजना है.
वित्तीय वर्ष 2013-14 एवं 14-15 में 46 छात्रों के लिए सात हजार पांच सौ रुपये की दर से 3 लाख 45 हजार रुपये की पुस्तक उपलब्ध कराया, शेष 66, 55, 000 रुपये का क्या उपयोग किया गया या शेष मद विभाग को वापस भेजा गया ?
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