डीएफओ ने रेंजर से जवाब मांगा है कि गाड़ीग्राम में लकड़ियों से लोड वाहन (जेएच05एएक्स 5800) पकड़े जाने और सीओ-बीडीओ द्वारा सूचित किये जाने के बाद उन्होंने बरामद लकड़ियों को वन विभाग की सेफ कस्टडी (सुरक्षित संरक्षण) में क्यों नहीं रखा. इसे उनकी लापरवाही माना जाये अथवा मिलीभगत. लकड़ियों को जब्त किया गया तो डेली वेज वाले कर्मचारी के सुपुर्द उसे क्यों और कैसे करके छोड़ दिया गया? उसे फॉरेस्टर को क्यों नहीं भेजा गया. मामले में वन विभाग ने एक मुकदमा भी दायर किया है.
प्रभात खबर ने इस मामले को जोरशोर से उठाया, इसके बाद डीएफओ शबा आलम अंसारी ने कार्रवाई शुरू की है. गौरतलब है कि पटमदा के गाड़ीग्राम एरिया में दलमा वन क्षेत्र जो टेरिटोरियल के क्षेत्र में आता है, वहां से एक ट्रक लकड़ी के अलावा भारी संख्या में और भी लकड़ियां पकड़ी गयी थीं. विभाग ने लकड़ियों को डेली बेसिस कर्मचारी के जिम्मे बीडीओ व सीओ द्वारा सौंप दिया गया था, जो रातोंरात गायब हाे गयी. बुधवार की शाम को गाड़ीग्राम गांव से बीडीअो सचिदानंद महतो, सीअो निवेदिता नियति व थाना के संयुक्त अभियान में लकड़ी लदे ट्रक जब्त की गयी थी. जिसकी सूचना टेरिटोरियल के रेंजर देवाशीष प्रसाद को शाम करीब साढ़े पांच बजे दे दी गयी थी. इस संबंध में अज्ञात ट्रक चालक व ट्रक मालिक के खिलाफ पटमदा थाना में वनपाल की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया.