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गम्हरिया का प्रवीण देश में आया अव्वल इसरो के साइंटिस्ट के लिए परीक्षा

रॉकेट इंजीनियर बनकर देश को सशक्त बनाना हूं : प्रवीण जमशेदपुर : इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (इसरो) की साइंटिस्ट सह इंजीनियर (इलेक्ट्रॉनिक्स) की परीक्षा में गम्हरिया निवासी प्रवीण कुमार चौधरी (24) ने पूरे देश में प्रथम स्थान हासिल किया है. प्रवीण गम्हरिया लाल बिल्डिंग चौक के समीप स्थित मेघराज टावर निवासी राजेंद्र प्रसाद चौधरी के […]

रॉकेट इंजीनियर बनकर देश को सशक्त बनाना हूं : प्रवीण

जमशेदपुर : इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (इसरो) की साइंटिस्ट सह इंजीनियर (इलेक्ट्रॉनिक्स) की परीक्षा में गम्हरिया निवासी प्रवीण कुमार चौधरी (24) ने पूरे देश में प्रथम स्थान हासिल किया है. प्रवीण गम्हरिया लाल बिल्डिंग चौक के समीप स्थित मेघराज टावर निवासी राजेंद्र प्रसाद चौधरी के पुत्र हैं. उनके पिता गम्हरिया में ईंट भट्ठा संचालक हैं, जबकि मां संतोष देवी हाउस वाइफ हैं. इसरो की साइंटिस्ट सह इंजीनियर के इलेक्ट्रानिक्स की लिखित परीक्षा जुलाई 2016 में हुई थी, जिसके साक्षात्कार का परिणाम 8 मार्च 2017 को जारी किया गया. वास्तव में प्रवीण यूपीएससी के इंडियन इंजीनियरिंग सर्विसेज की तैयारी कर रहे थे.
इस बीच, उन्होंने इसरो की साइंटिस्ट सह इंजीनियर ‘एससी’ (इसरो में साइंटिस्ट का प्रारंभिक स्तर) की परीक्षा दी. उनका सपना आगे चलकर रॉकेट इंजीनियर बनने का है ताकि देश की सैन्य ताकत से लेकर विज्ञान के क्षेत्र में अग्रणी बना सके.
मैट्रिक केपीएस गम्हरिया व इंटर नरभेराम हंसराज स्कूल से की
प्रवीण की स्कूली शिक्षा केरला पब्लिक स्कूल गम्हरिया से हुई. उसने इंटर तक की पढ़ाई बिष्टुपुर स्थित नरभेराम हंसराज इंग्लिश स्कूल से की. इसके बाद ओड़िशा के भुवनेश्वर स्थित सीवी रमण तकनीकी संस्थान से बी-टेक की डिग्री हासिल की. वह ओड़िशा के बीजू पटनायक विश्वविद्यालय का गोल्ड मेडलिस्ट (इंजीनियरिंग के क्षेत्र में) रहा है. इसके बाद दिल्ली में यूपीएससी के इंडियन इंजीनियरिंग सर्विसेज की तैयारी शुरू की.
2016 में 54वां रैंक आया, फिर दी परीक्षा
प्रवीण इससे पहले 2015-16 की इसरो की साइंटिस्ट की परीक्षा में सफल रहे थे. तब ऑल इंडिया रैंकिंग 54वां था. लेकिन उसने दूसरी बार प्रयास किया और पहला रैंक हासिल किया.
माता-पिता व ईश्वर के आशीर्वाद से मिली स‌फलता : प्रवीण
भुवनेश्वर से ‘प्रभात खबर’ से बातचीत में प्रवीण ने बताया कि इस सफलता का श्रेय माता-पिता और ईश्वर को देना चाहूंगा. परिवार से हमेशा सहयोग मिला जिसके कारण मैं कड़ी मेहनत कर सका. माता पिता के साथ बहन और बहनोई समेत परिवार के अन्य सदस्यों से भी काफी प्रोत्साहन मिला. प्रवीण ने बताया कि वह रॉकेट इंजीनियर बनकर देश के विकास में अपनी भागीदारी निभाना चाहता है.
माता-पिता के छलके आंसू
सफलता की सूचना मिलते ही गम्हरिया स्थित प्रवीण कुमार चौधरी के घर पर खुशी का माहौल है. बेटे की सफलता से मिली खुशी से माता- पिता दोनों की आंखें भर आयीं. पिता राजेंद्र प्रसाद चौधरी और माता संतोष चौधरी ने बताया कि प्रवीण स्कूल से लेकर कॉलेज तक टॉपर रहा था. गोल्ड मेडलिस्ट भी था. उसकी प्रतिभा देख कर लगता था कि आगे चल कर बेटा उनका नाम ऊंचा करेगा. बेटे की सफलता से मेरी जिंदगी का मकसद पूरा हो गया. हमें अपने बेटे पर गर्व है.

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