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4 मई 2016 तक डीआरसी करने पर पीएचडी में रजिस्ट्रेशन

कुलपति डॉ आरपीपी सिंह की अध्यक्षता में परीक्षा बोर्ड की बैठक जमशेदपुर : कोल्हान विश्वविद्यालय में शनिवार को परीक्षा बोर्ड की बैठक हुई. बैठक की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ आरपीपी सिंह ने की. बैठक में विवि के प्रथम पीएचडी प्रवेश परीक्षा में सफलता हासिल नहीं कर पाने वाले शोधार्थियों को पुन: एक बार पीएचडी […]

कुलपति डॉ आरपीपी सिंह की अध्यक्षता में परीक्षा बोर्ड की बैठक

जमशेदपुर : कोल्हान विश्वविद्यालय में शनिवार को परीक्षा बोर्ड की बैठक हुई. बैठक की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ आरपीपी सिंह ने की. बैठक में विवि के प्रथम पीएचडी प्रवेश परीक्षा में सफलता हासिल नहीं कर पाने वाले शोधार्थियों को पुन: एक बार पीएचडी में रजिस्ट्रेशन का मौका दिया गया है. लेकिन इसके लिये शोधार्थी के डीआरसी की सारी प्रक्रिया 4 मई 2016 तक खत्म हो जानी चाहिए और डीआरसी मेंबर का उक्त शोधार्थी के थिसिस पर सहमति दिया होना चाहिए.
4 मई 2016 के बाद डीआरसी की प्रक्रिया पूरी करने वाले उम्मीदवार पीएचडी के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं कर सकेंगे. 4 मई 2016 को विवि के द्वितीय पीएचडी प्रवेश परीक्षा की अधिसूचना जारी की गयी थी. यही कारण है कि इस तिथि को ही विवि ने माना है. बैठक में डेंटल व नर्सिंग पाठ्यक्रम पर भी विचार-विमर्श किया गया. इस दौरान यह बात सामने आयी कि नर्सिंग काउंसिल ऑफ इंडिया ने अपने रेगुलेशन में कुछ बदलाव किये हैं. इस बदलाव का पहले अध्ययन किया जायेगा. इसके लिए मेडिसिन डीन डॉ एसी अखौरी को विवि बुलाया जायेगा. उनसे विचार-विमर्श करने के बाद नये सिरे से नर्सिंग व डेंटल के कोर्स में उसे लागू किया जायेगा. कुलपति ने कहा कि पीएचडी करने वाले शोधार्थियों को किसी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े इसे हर स्तर पर सुनिश्चित किया जाये. बैठक में परीक्षा नियंत्रक डॉ पीके पाणी, सोशल साइंस डीन डॉ आशा मिश्रा, मानविकी डीन डॉ शशिलता, कुलसचिव डॉ एससी दास समेत कमेटी के अन्य सदस्य उपस्थित थे. तीन शोधार्थियों का परिणाम घोषित. परीक्षा बोर्ड की बैठक में तीन विभाग के शोधार्थियों का पीएचडी परिणाम जारी किया गया. इसमें संस्कृत विभाग से भावना कुमारी, हिंदी विभाग से सुचिता बारा और मनोविज्ञान विभाग से लीला श्रीवास्तव शामिल हैं. तीनों शोधार्थी का पीएचडी वाइवा हो चुका है. जल्द ही विवि प्रशासन उपाधि की अधिसूचना जारी कर देगा. गौरतलब है कि संस्कृत में भावना कुमारी विवि की पहली पीएचडी उपाधि धारक हैं.
परीक्षा बोर्ड की बैठक हुई. जिसमें यह तय किया गया है कि नर्सिंग अौर डेंटल में जो भी बदलाव किये गये हैं उसका गंभीरता पूर्वक अध्ययन किया जायेगा. इसके बाद उसे विवि में भी लागू किया जायेगा. विवि से ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थी पीएचडी की डिग्री हासिल कर सके, इसके लिए सारी जटिलताअों को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है.
डॉ आरपीपी सिंह, वीसी, कोल्हान विवि

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