नियामक आयोग. जिले में नये टैरिफ को लेकर हुई जन सुनवाई
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गांवों में भी बिजली दे जुस्को
नियामक आयोग. जिले में नये टैरिफ को लेकर हुई जन सुनवाई जमशेदपुर : सरायकेला-खरसावां जिले के मुनाफा वाले क्षेत्र को टारगेट कर जुस्को क्यों बिजली दे रही है? जबकि उसे पूरे जिले में बिजली पहुंचाने का लाइसेंस दिया गया है. जुस्को को गांवों में भी सब्सिडाइज्ड रेट पर बिजली देनी चाहिए. जिले में जुस्को के […]
जमशेदपुर : सरायकेला-खरसावां जिले के मुनाफा वाले क्षेत्र को टारगेट कर जुस्को क्यों बिजली दे रही है? जबकि उसे पूरे जिले में बिजली पहुंचाने का लाइसेंस दिया गया है. जुस्को को गांवों में भी सब्सिडाइज्ड रेट पर बिजली देनी चाहिए. जिले में जुस्को के नये बिजली टैरिफ को लेकर झारखंड राज्य नियामक आयोग की आदित्यपुर ऑटो कलस्टर में जन सुनवाई में उक्त बातें नागरिक राजेश कुमार ने उठायी. इस दौरान लोगों ने अपना पक्ष रखा और बिजली की क्वालिटी की तो तारीफ की, लेकिन बिजली के टैरिफ को लोगों के अनुरूप बनाने की अपील की. इस दौरान उद्यमियों से लेकर आम उपभोक्ताओं को बुलाया गया था.
आयोग के चेयरमैन जस्टिस एनएन तिवारी व सदस्य (तकनीकी) आरएन सिंह ने सुनवाई की और पूरी स्थिति पर संतोष जताया. जस्टिस एनएन तिवारी ने कहा कि कई तकनीकी बातें सामने आयीं हैं. सारे पहलुओं का अध्ययन किया जायेगा, जिसके बाद ही नये टैरिफ को लागू करने की इजाजत दी जायेगी. क्वालिटी बिजली के साथ सस्ती बिजली भी लोगों को मिले, यह कोशिश होगी. सुनवाई के दौरान जुस्को के एमडी आशीष माथुर, सीनियर जीएम कैप्टन धनंजय मिश्रा, जीएम शरद कुमार, कॉरपोरेट कम्यूनिकेशन के चीफ राजेश राजन समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद थे.
सुनवाई में उठे मुद्दे का जुस्को ने दिया जवाब
जन सुनवाई में उठाये गये कई जनमुद्दों का जुस्को ने जवाब दिया. एसिया अध्यक्ष इंदर अग्रवाल ने कहा कि ग्राउंड में काम करने की दर 300 रु प्रति वर्गफीट लिया जाता है, जिससे लोग नया कनेक्शन नहीं ले पाते हैं. अशोक बिहानी ने बताया कि टाटा स्टील व जुस्को के बीच आपसी करार है, जिसको देखा जाना चाहिए ताकि टैरिफ सरायकेला-खरसावां में ज्यादा और टाटा स्टील में कम न हो जाये. कांतिलाल नायक ने गांवों में सस्ती दर पर बिजली देने की भी मांग उठायी. उपभोक्ता राजेश कुमार ने कहा कि जो रेट नियामक आयोग तय करता है, उससे कहीं ज्यादा पैसे वसूले जाते हैं.
हर जिले में बनेगी उपभोक्ता कमेटी
आयोग के चेयरमैन जस्टिस एनएन तिवारी ने बताया कि राज्य में उपभोक्ता कमेटी बनायी जा चुकी है. हम चाहते हैं कि हर जिले में कमेटी बनायी जाये, ताकि उपभोक्ताओं की आवाज आयोग तक पहुंच सके और उनका निवारण भी तत्काल किया जा सके. इसके लिए हर जिले में कमेटी बनाने का काम अब शुरू होगा.
कोई कंपनी घाटे में रह बिजली नहीं दे सकती : आयोग
कोई भी बिजली कंपनी घाटे में रहकर लोगों को बिजली नहीं दे सकती है. यह समझकर ही आयोग कोई फैसला लेता है. यह बातें आयोग के चेयरमैन जस्टिस एनएन तिवारी ने कहीं. सुनवाई के दौरान अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि आयोग सारे लोगों का पक्ष सुनने के बाद ही किसी तरह का फैसला लेता है. अच्छी बात यह है कि दिनों-दिन पहले से बेहतर सुनवाई हो रही है और लोगों की बातें भी सुनी जा रही है. उन्होंने कहा कि सस्टेनेबल रेट व कॉस्ट इफेक्टिव रेट होना जरूरी है. लोग कहते हैं कि बिजली का रेट एकदम नहीं बढ़ना चाहिए, ऐसी मांग ठीक नहीं है, लेकिन इस जिले में जो सुनवाई हुई, उसमें लोगों ने तार्किक रूप से बातों को रखा है, जो बेहतर कदम है.
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