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विकास के नाम पर विनाश मॉडल : वृंदा

जमशेदपुर: झारखंड में रघुवर सरकार विकास के नाम पर विनाश का मॉडल प्रस्तुत कर रही है. सीएनटी व एसपीटी एक्ट में संशोधन कर इस सरकार ने आदिवासियों का हक छीन लिया है. ग्राम सभा का अधिकार भी हड़प लिया है. यहां आदिवासियों पर आर्थिक व राजनीतिक हमले किये जा रहे हैं. बावजूद भाजपा में शामिल […]

जमशेदपुर: झारखंड में रघुवर सरकार विकास के नाम पर विनाश का मॉडल प्रस्तुत कर रही है. सीएनटी व एसपीटी एक्ट में संशोधन कर इस सरकार ने आदिवासियों का हक छीन लिया है. ग्राम सभा का अधिकार भी हड़प लिया है. यहां आदिवासियों पर आर्थिक व राजनीतिक हमले किये जा रहे हैं. बावजूद भाजपा में शामिल आदिवासी नेता स्पष्ट रूप से कुछ नहीं बोल रहे हैं. वे मुंह खोलें, नहीं तो जनता समझेगी कि वे बिके हुए हैं. हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने इस पर मुंह खोल दिया है. यह बात सीपीएम की पोलित ब्यूरो सदस्य वृंदा करात ने कही. वह मंगलवार को जमशेदपुर दौरे के क्रम में स्थानीय सर्किट हाउस में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रही थीं.
कैशलेस ट्रांजेक्शन का कारण नोट छापने में विफलता. उन्होंने कहा कि चूंकि केंद्र सरकार जरूरत के अनुसार नोट नहीं छाप पा रही है. ऐसे में अपनी विफलता को छुपाने के लिए कैशलेस ट्रांजेक्शन का कांसेप्ट लाया गया है.
जनता का ध्यान भटकाने के लिए नोटबंदी. वृंदा करात ने कहा कि हम शुरू से कालाधन समाप्त करने के पक्षधर हैं. लेकिन नोटबंदी से कालाधन पर नाममात्र फर्क पड़ा है. क्योंकि सारा कालाधन तो विदेशों में जमा है.
फकीर के मंत्रिमंडल में नितिन गडकरी क्या कर रहे. वृंदा करात ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि मैं तो फकीर हूं, झोला उठा कर चला जाऊंगा. लेकिन ऐसे फकीर के मंत्रिमंडल में नीतिन गडकरी जैसे लोग क्या कर रहे हैं, जिनके बेटे की शादी में 50 चार्टर प्लेन शामिल होती है.
मजदूरों को नजरअंदाज न करें. उन्होंने कहा कि जमशेदपुर में ट्रेड यूनियनों का पुराना इतिहास रहा है. अत: यहां ट्रेड यूनियनों की जिम्मेवारी बढ़ जाती है. मजदूरों के इस शहर में मजदूरों को नजरअंदाज ने करें.
जातिवाद की राजनीति करते हैं शासक दल. वृंदा करात ने कहा कि वर्तमान में भाजपा समेत जितने भी शासक दल हैं, वे जातिवाद के नाम पर राजनीति करते हैं. इनकी जड़ें झारखंड में भी मजबूत हो रही है. वजह कि मजदूरों व उनके अतिरिक्त मूल्य के शोषण का हथियार है जातिवाद.
झारखंड तो पहले ही ‘कैशलेस’ हो गया है
उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि झारखंड तो पहले ही कैशलेस हो गया है, फिर अब कैशलेस ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने की बात क्या करते हैं. नोटबंदी की मार से जनता की जेब खाली हो गयी है. राज्य में इंटरनेट सेवा का बुरा हाल है. ऐसे में कैशलेस ट्रांजेक्शन की कल्पना बेकार है. इसका उदाहरण रामगढ़ जेल में देखने को मिला, जहां मंगलवार को ही गयी थीं. जेल में किसी से मिलने के लिए कंप्यूटर पर फोटो ली जाती है. यह इंटरनेट के माध्यम से होता है. वहां इंटरनेट का नेटवर्क नहीं था. जेलर ने कहा कि सप्ताह में अधिकांश नेटवर्क रहता ही नहीं है.

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