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नोटबंदी की मार झेलते विदा हुआ पुस्तक मेला
जमशेदपुर : साकची के रवींद्र भवन परिसर में टैगोर सोसायटी द्वारा पिछले 11 नवंबर से आयोजित 10 दिवसीय पुस्तक मेला रविवार को समारोहपूर्वक संपन्न हुआ. इस बार नोटबंदी ने मेले को प्रभावित किया. यही, वजह थी कि पिछले वर्ष की तुलना में इस बार आगंतुकों की संख्या और किताबों की बिक्री दोनों अपेक्षाकृत कम रही. […]
जमशेदपुर : साकची के रवींद्र भवन परिसर में टैगोर सोसायटी द्वारा पिछले 11 नवंबर से आयोजित 10 दिवसीय पुस्तक मेला रविवार को समारोहपूर्वक संपन्न हुआ. इस बार नोटबंदी ने मेले को प्रभावित किया. यही, वजह थी कि पिछले वर्ष की तुलना में इस बार आगंतुकों की संख्या और किताबों की बिक्री दोनों अपेक्षाकृत कम रही. अंतिम दिन रविवार को तयशुदा कार्यक्रम के अनुसार सुबह 10:00 बजे मेला आरंभ हुआ. सुबह से मेले में लोगों का आना जारी रहा. शाम को भीड़ बढ़ी और लोगों ने अपनी पसंद के अनुसार किताबों की खरीदारी भी की. लेकिन आयोजकों व प्रकाशकों के चेहरे पर वह उत्साह नहीं था, जो पिछले वर्षों के दौरान देखने को मिलता था. रात में टैगोर सोसायटी की परंपरा के अनुसार मेला का समापन हुआ.
सोसायटी के अध्यक्ष डॉ एचएस पॉल ने किताबों की महत्ता पर कहा कि इस बार मेले पर नोटबंदी का असर रहा. महासचिव आशीष चौधरी ने मेले की रिपोर्ट प्रस्तुत की. मेला आयोजन समिति के अध्यक्ष अभय सरकार ने धन्यवाद ज्ञापन किया. सोसायटी के जौहर बनर्जी समेत पदाधिकारी, सदस्य, प्रकाशक आदि उपस्थित थे.30 लाख का कारोबार. मेला पर इस बार नोटबंदी का असर रहा. इस कारण किताबों की बिक्री पर भी खासा प्रभाव पड़ा. मेले में करीब 30 लाख रुपये की किताबों की बिक्री हुई. जबकि पिछले वर्ष यह आंकड़ा लगभग 90 लाख बताया गया था. आये 30 हजार लोग. इस बार आगंतुकों की संख्या भी कम रही. आयोजकों की मानें, तो इसकी वजह भी नोटबंदी रही. करीब 30 हजार लोग मेले में आये. हालांकि पिछले वर्षों में आगंतुकों की संख्या 55 से 60 हजार के करीब हुआ करती थी.
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