जमशेदपुर : छठ पर्व के दौरान 125 रुपये प्रतिकिलो चना दाल उपलब्ध कराया जायेगा. इसके लिए सिंहभूम चेंबर ऑफ कॉमर्स की ओर से चार सुविधा केंद्र खोले जायेंगे. एक व्यक्ति को पांच किलो तक ही चना दाल मिलेगी. उक्त बातें व्यापारियों व उद्यमियों की ओर से आयोजित बैठक में मंत्री सरयू राय के समक्ष व्यापारियों की ओर से कही गयी.
दालों के मूल्य एवं उपलब्धता के संबंध में आयोजित बैठक में चेंबर अध्यक्ष सुरेश सोंथालिया ने बताया कि ब्रांडेड दालों के दाम 150 रुपये प्रति किलो के लगभग हैं परंतु पिछले दो तीन दिनों में विशेषकर चना दाल के दामों में 10 से 15 रुपये प्रति किलो की कमी आयी है. शहर में आवश्यकतानुसार चना दाल की उपलब्धता है. छोटे खुदरा व्यापारियों के यहां चना दाल 130-135 रुपये किलो उपलब्ध है. उपाध्यक्ष नंदकिशोर अग्रवाल ने कहा कि दालों की भावों में वृद्धि में झारखंड के व्यापारियों का कोई हाथ नहीं है.
बैठक में मंत्री ने व्यापारियों से जानना चाहा कि मूल्यों को नियंत्रित कैसे किया जा सकता है. थोक और खुदरा व्यापारियों के कीमत में ज्यादा फर्क है या नहीं, यह पता करने की कोशिश की गयी.
कीमतों को कैसे नियंत्रित रखा जा सकता है, इस पर मंत्री ने सुझाव लिये. सरयू राय ने यहां माना कि सरकार के पास मूल्यों को नियंत्रित करने का ज्यादा अधिकार या सिस्टम नहीं है. इस सिस्टम को कृषि मंत्रालय की ओर से देखा जाता है. लेकिन विभाग के स्तर पर यह किया जा सकता है कि लोगों को थोक और खुदरा का रेट क्या है, इसकी जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध हो.
विगत दिनों चना दाल के दर में हुई वृद्धि पर मंत्री श्री राय ने दालों के थोक एवं खुदरा विक्रेताओं के साथ यह बैठक बुलायी. बैठक को महासचिव प्रभाकर सिंह ने भी संबोधित किया जबकि उपाध्यक्ष दीपक भालोटिया को नया केंद्र खोलने का प्रभारी बनाया गया. बैठक का संचालन उपाध्यक्ष विजय आनंद मूनका जबकि धन्यवाद ज्ञापन उपाध्यक्ष मानव केडिया ने किया. बैठक में दालों के कई थोक एवं खुदरा विक्रेता के साथ राजेश अग्रवाल, अरुण अग्रवाल, उमेश अग्रवाल, पवन शर्मा, बीएन शर्मा, महेश गोयल, सांवरमल शर्मा, शंकरलाल अग्रवाल, सुधीर सिंह उपस्थित थे.
बड़ी कंपनियों की वजह से बढ़े दाम : सत्यनारायण
सचिव सत्यनारायण अग्रवाल ने कहा कि चना दाल के दामों में वृद्धि सरकार एवं जनता के लिए चिंताजनक है, परंतु झारखंड के व्यापारियों का इससे कोई सरोकार नहीं है. पिछले कुछ वर्षों से बड़े घराने दालों के कारोबार में कूद पड़े हैं तभी से प्रत्येक वर्ष किसी एक दाल को चुन कर उसके मूल्य में वृद्धि की जा रही है. इस पर मंत्री ने कहा कि वे केंद्र सरकार से इस बारे में पत्राचार करेंगे.